डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 4.0: पेंशनभोगियों की सेवा में सबसे बड़ा राष्ट्रीय अभियान

कर्मचारी पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) 1 से 30 नवंबर, 2025 तक देशभर में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) अभियान 4.0 आयोजित करने जा रहा है। यह अब तक का सबसे व्यापक और समर्पित अभियान होगा, जिसका उद्देश्य भारत के हर कोने में मौजूद पेंशनरों को सुगमता से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा देना है।
समग्र भागीदारी और सेवाओं का विस्तार
अभियान में 2000 जिलों और उप-मंडलीय मुख्यालयों को कवर किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित संस्थाएं सक्रिय सहयोग करेंगी:
- 19 पेंशन वितरक बैंक
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB)
- पेंशनभोगी कल्याण संघ (PWAs)
- UIDAI, रेलवे, दूरसंचार विभाग (DoT), रक्षा लेखा महानियंत्रक (CGDA) एवं MeitY
इस अभियान के माध्यम से हर बैंक के पेंशनरों को घर बैठे सेवा देने का लक्ष्य है, जिससे उन्हें किसी शाखा या कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
IPPB की भूमिका: घर-घर जीवन प्रमाण पत्र
IPPB अपने 1.8 लाख पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के माध्यम से सभी जिलों में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र शिविर आयोजित करेगा। इन कर्मचारियों को ऐसे मोबाइल उपकरणों से लैस किया गया है जो फिंगरप्रिंट और फेस ऑथेंटिकेशन दोनों से DLC उत्पन्न करने में सक्षम हैं। इससे बुजुर्ग, अस्वस्थ या दिव्यांग पेंशनभोगियों को विशेष सुविधा प्राप्त होगी।
पिछली सफलता और इस बार का लक्ष्य
2024 में आयोजित DLC अभियान 3.0 में रिकॉर्ड 1.62 करोड़ प्रमाण पत्र तैयार किए गए थे, जिनमें 50 लाख से अधिक प्रमाण पत्र फेस ऑथेंटिकेशन से बनाए गए थे। इस बार लक्ष्य 2 करोड़ प्रमाण पत्र तैयार करने का है, जिससे अभियान को अब तक का सबसे बड़ा पेंशनर आउटरीच प्रयास माना जा रहा है।
प्रचार-प्रसार और जागरूकता
बैंक और IPPB मिलकर व्यापक प्रचार अभियान चलाएंगे, जिसमें शामिल होंगे:
- SMS, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया
- बैनर, स्थानीय मीडिया और सामुदायिक सहभागिता
- दूरदर्शन (DD), आकाशवाणी (AIR) और प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के माध्यम से ऑडियो-विजुअल प्रचार
इसके अलावा, 57 पंजीकृत पेंशनभोगी संघ इस प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और कैंपों का संचालन सुनिश्चित करेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) की अवधारणा 2014 में शुरू की गई थी।
- पेंशनभोगियों को हर वर्ष जीवन प्रमाण पत्र देना आवश्यक होता है ताकि उनकी पेंशन निर्बाध रूप से मिलती रहे।
- UIDAI द्वारा संचालित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक ने DLC को आसान और सुलभ बना दिया है।
- IPPB का नेटवर्क ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक फैला हुआ है, जो डिजिटल सेवाओं के विकेंद्रीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण है।