डब्ल्यूटीए 250 चेन्नई ओपन में इंडोनेशियाई टेनिस खिलाड़ी जैनेस टजेन का ऐतिहासिक खिताब
2025 इंडोनेशियाई टेनिस के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बन गया जब 23 वर्षीय जैनेस टजेन ने डब्ल्यूटीए 250 चेन्नई ओपन जीतकर अपने करियर का पहला डब्ल्यूटीए टूर खिताब अपने नाम किया। वर्ष की शुरुआत में विश्व रैंकिंग में 412वें स्थान पर रहीं टजेन ने न केवल खिताब जीता, बल्कि 23 वर्षों बाद किसी इंडोनेशियाई महिला खिलाड़ी द्वारा डब्ल्यूटीए खिताब जीतने की उपलब्धि भी दोहराई।
चेन्नई में दमदार प्रदर्शन
टजेन को टूर्नामेंट में चौथी वरीयता प्राप्त थी और उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में आत्मविश्वास और रणनीतिक सटीकता का प्रदर्शन किया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की किम्बर्ली बिरेल को सीधे सेटों में 6-4, 6-3 से हराकर उन्होंने खिताब अपने नाम किया। सेमीफाइनल में एकल और युगल दोनों मुकाबले खेलने के बावजूद टजेन की ऊर्जा और एकाग्रता में कोई कमी नहीं आई। उनकी शक्तिशाली बेसलाइन गेम और दबाव की स्थिति में सटीक सर्व ने उन्हें बढ़त दिलाई।
गुमनामी से सफलता की ऊंचाई तक
2025 की शुरुआत में टजेन अधिकतर आईटीएफ प्रतियोगिताओं में भाग ले रही थीं। वहां के लगातार प्रदर्शन और सीख ने उन्हें आत्मविश्वास दिया, जिसका नतीजा चेन्नई ओपन जैसे बड़े मंच पर दिखाई दिया। जैकार्ता में जन्मी इस खिलाड़ी ने अपने खेल में निरंतर सुधार करते हुए बहुत ही कम समय में शीर्ष 70 खिलाड़ियों में स्थान बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- जैनेस टजेन 2002 के बाद डब्ल्यूटीए टूर खिताब जीतने वाली पहली इंडोनेशियाई महिला खिलाड़ी हैं।
- उन्होंने 2025 चेन्नई ओपन के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की किम्बर्ली बिरेल को हराया।
- इस जीत के बाद उनकी रैंकिंग शीर्ष 70 में आने की संभावना है।
- पिछली इंडोनेशियाई विजेता एंजेलीक विडजाजा थीं, जिन्होंने 2002 बाली ओपन जीता था।
एशियाई टेनिस का बढ़ता प्रभाव
टजेन की यह सफलता न केवल इंडोनेशिया बल्कि समग्र एशिया के लिए गौरव की बात है। इससे यह संकेत मिलता है कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में भी टेनिस प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। जैनेस टजेन की जीत ने इंडोनेशिया को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय टेनिस मानचित्र पर ला खड़ा किया है और भविष्य में देश में टेनिस विकास के नए आयाम खुल सकते हैं।