डब्ल्यूएचओ ने भारत का विवादित  मानचित्र जारी किया

डब्ल्यूएचओ ने भारत का विवादित  मानचित्र जारी किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक नया नक्शा जारी किया है। इस नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को शेष भारतीय मुख्य भूमि से अलग रंग में दिखाया गया है।

मुख्य बिंदु

नए डब्ल्यूएचओ मानचित्र में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को धूसर रंग में दिखाया गया है। इसके अलावा, इसने विवादित अक्साई चिन क्षेत्र को नीले रंग की पट्टियों के साथ धूसर रंग में चिह्नित किया है। नीली धारियाँ चीन की ही तरह समान हैं। जबकि, इस नक्शे में  भारत को नीले रंग में दिखाया गया है।

नए नक्शे पर भारत का रुख

भारत का मानना ​​है कि डब्ल्यूएचओ के नए नक्शे में चीन की बड़ी भूमिका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन का प्रभाव अधिक है क्योंकि चीन इस संगठन को भारी धन उपलब्ध कराता है।

भारत की अन्य मानचित्र सम्बन्धी अन्य विसंगतियां

हाल ही में नक्शे में चित्रित विसंगतियों के कारण नेपाल और पाकिस्तान के साथ भारत का टकराव हुआ था।

भारत-नेपाल नक्शा मुद्दा

मई 2020 में, नेपाल ने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था, इसमें नेपाल ने  कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे क्षेत्रों पर दावा किया गया था। इससे पहले भारत ने भारत और चीन को जोड़ने वाली एक मोटर योग्य संपर्क सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद नेपाल ने यह विवादित मानचित्र जारी किया। यह लिपुलेख दर्रे से सड़क गुजरती है। इस क्षेत्र को नेपाल ने अपने क्षेत्र के रूप में दावा किया है।

भारत-पाकिस्तान नक्शा मुद्दा

अगस्त में, पाकिस्तान ने एक नक्शा जारी किया जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के क्षेत्रों को दिखाया गया था। साथ ही, गुजरात के जूनागढ़ को भी पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र के रूप में दिखाया था।

Originally written on January 11, 2021 and last modified on January 11, 2021.

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