ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ नई उम्मीद: भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित किया शक्तिशाली ऑर्गेनोसेलेनियम यौगिक

भारतीय वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए एक नया नाइट्रो-युक्त ऑर्गेनोसेलेनियम यौगिक (4-नाइट्रो-बेन्ज़िलिक डाइसिलेनाइड, जिसे ‘डाइसिलेनाइड 7’ कहा गया है) विकसित किया है, जो ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC) जैसी आक्रामक कैंसर कोशिकाओं की आक्रामकता को प्रभावी रूप से कम कर सकता है। यह शोध डॉ. असीस बाला (IASST, गुवाहाटी) और डॉ. कृष्णा पी. भाबक (IIT गुवाहाटी) के नेतृत्व में किया गया है।

शोध का वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रासायनिक संरचना

यह यौगिक ऑर्गेनोसेलेनियम वर्ग से संबंधित है, जो प्राकृतिक और प्रयोगशाला-निर्मित रसायनों की एक श्रेणी है, और जिन्हें उनकी जैविक क्रियाओं के लिए जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने इस यौगिक को बेन्ज़िलिक हैलाइड्स की नाभिकीय प्रतिस्थापन (nucleophilic substitution) क्रिया द्वारा तैयार किया, जिसमें नाइट्रोजन युक्त सेलेनियम यौगिकों का प्रयोग किया गया।
डाइसिलेनाइड 7 को विशेष रूप से ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं पर परीक्षण किया गया, जो कि सबसे कठिन और आक्रामक प्रकार के स्तन कैंसर में गिना जाता है। प्रयोगशाला परीक्षणों में यह पाया गया कि यह यौगिक कैंसर की कोशिकाओं की आक्रामकता को कम करता है और ट्यूमर की वृद्धि, रक्त वाहिका निर्माण (angiogenesis) और मेटास्टेसिस (कैंसर का शरीर के अन्य भागों में फैलना) को रोकता है।

कोशिकीय स्तर पर प्रभाव: बहु-लक्ष्यित हमला

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह यौगिक कैंसर कोशिकाओं में कई प्रमुख संकेत तंत्रों (signaling pathways) को एक साथ प्रभावित करता है:

  • Akt/mTOR और ERK पथों को अवरुद्ध करता है: ये दोनों मार्ग कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि और अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
  • प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (ROS) का निर्माण करता है: जो कैंसर कोशिकाओं के DNA को नुकसान पहुंचाती हैं।
  • सूजन को कम करता है: जिससे कैंसर कोशिकाओं की जीवन शक्ति घटती है।

इन सभी प्रभावों का समवेत परिणाम कैंसर कोशिकाओं की मृत्यु (apoptosis) के रूप में सामने आता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और HER2 रिसेप्टर अनुपस्थित होते हैं, जिससे इसे उपचार करना अधिक कठिन होता है।
  • ऑर्गेनोसेलेनियम यौगिकों को पहले एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुणों के लिए जाना गया है, लेकिन बहु-संकेत तंत्र को लक्ष्य बनाने में इनका प्रयोग नया है।
  • यह अध्ययन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतर्गत IASST और IIT गुवाहाटी के सहयोग से किया गया।
  • स्विस एल्बिनो चूहों पर यह यौगिक ट्यूमर के आकार और मृत्यु दर दोनों में प्रभावी कमी लाने में सफल रहा।

निष्कर्ष

यह शोध न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि चिकित्सा विज्ञान के लिए भी आशाजनक संकेत देता है। ‘डाइसिलेनाइड 7’ जैसे बहु-लक्ष्यित ऑर्गेनोसेलेनियम यौगिकों के विकास से ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर जैसी जटिल बीमारियों के इलाज के नए रास्ते खुल सकते हैं। इस सफलता से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय अनुसंधान संस्थान वैश्विक कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में निर्णायक योगदान दे रहे हैं, और देश के भीतर ही उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के विकास की दिशा में अग्रसर हैं।

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