ट्रम्प‑क्लास युद्धपोतों की घोषणा: अमेरिकी नौसेना का विस्तार
अमेरिका के पूर्व और संभावित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी मौसी मार‑ए‑लागो, फ्लोरिडा में एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें भारी हथियारों से लैस नए युद्धपोतों की एक श्रेणी बनवाने की योजना शामिल है। इन युद्धपोतों को ट्रम्प‑क्लास नाम दिया जाएगा, जो अमेरिकी नौसेना के विस्तार और आधुनिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह घोषणा इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि अमेरिकी युद्धपोतों का नाम प्रायः नेताओं के निर्वाचित कार्यकाल के बाद ही रखा जाता है, न कि कार्यकाल के दौरान।
प्रस्तावित ट्रम्प‑क्लास युद्धपोत: विवरण और महत्व
ट्रम्प के अनुसार, इस नई श्रेणी में प्रारंभिक रूप से दो युद्धपोत शामिल होंगे, लेकिन भविष्य में इसे और बढ़ाने की गुंजाइश है। उन्होंने इन्हें “सबसे अधिक घातक सर्फेस वारफेयर शिप” बताया है, जो अमेरिकी नौसेना में अपनी तरह के अग्रणी जहाज होंगे। जानकारी के मुताबिक, ये पोत लगभग 30,000 से 40,000 टन के बीच विस्थापन के होंगे, जो आधुनिक अमेरिकी विध्वंसकों और क्रूज़रों से कहीं बड़े होंगे, हालांकि यह 20वीं सदी के आइओवा‑क्लास युद्धपोतों से छोटे रहेंगे, जिन्हें 1990 के दशक में सेवा से हटाया गया था।
ट्रम्प‑क्लास युद्धपोतों को एक बहु‑भूमिका प्लेटफॉर्म के रूप में तैयार किया जाएगा, ताकि वे मिसाइलों, भारी तोपों और उन्नत तकनीकी प्रणालियों से लैस हो सकें। ट्रम्प ने बताया कि इन जहाजों पर लेजर हथियारों, हाइपरसोनिक मिसाइलों और संभावित रूप से न्यूक्लियर‑सक्षम समुद्री क्रूज़ मिसाइलों जैसे अत्याधुनिक हथियार सिस्टम होंगे, जो इन्हें सामरिक नियंत्रण और निवारण की क्षमता प्रदान करेंगे।
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका चीन की समुद्री विस्तारवादी नीतियों और जहाज निर्माण में तेजी को लेकर चिंतित है। हालांकि ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि यह योजना किसी एक देश के खिलाफ नहीं है, बल्कि अमेरिका को वैश्विक समुद्री प्रभुत्व बनाए रखने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से है।
नेतृत्व, डिजाइन और रणनीतिक दृष्टिकोण
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे खुद डिजाइन प्रक्रिया में भाग लेंगे और अमेरिकी नौसेना के विशेषज्ञों के साथ मिलकर जहाजों की रूपरेखा तैयार करेंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे मौजूदा युद्धपोतों के दिखावे से संतुष्ट नहीं हैं और ट्रम्प‑क्लास जहाजों का डिज़ाइन न केवल युद्ध क्षमता बल्कि सौंदर्य और प्रस्तुति के मामले में भी बेहतर होगा। इस घोषणा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, रक्षा सचिव, विदेश सचिव, और नौसेना सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।
यह पहल broader अमेरिकी शिपबिल्डिंग उद्योग को भी मज़बूत करने की दिशा में है, जिसमें घरेलू शिपयार्डों की क्षमता और नौसेना के बेड़े की संख्या को बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। अमेरिकी नौसेना पहले से ही नई FF(X) फ्रिगेट क्लास और कॉन्स्टेलेशन‑क्लास फ्रिगेट जैसे कार्यक्रमों पर काम कर रही है, जो कभी‑कभी समीक्षा और परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। इन सभी योजनाओं का मकसद अमेरिका को समुद्री शक्ति के मामले में चीन से प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
• अमेरिकी युद्धपोतों के नाम आमतौर पर किसी राष्ट्रपति के कार्यकाल के बाद ही रखे जाते हैं।
• प्रस्तावित ट्रम्प‑क्लास युद्धपोतों का अनुमानित विस्थापन 30,000‑40,000 टन है।
• अमेरिका ने अपनी अंतिम आइओवा‑क्लास युद्धपोतों को 1990 के दशक में सेवानिवृत्त किया था।
• चीन वर्तमान में टोटल जहाज संख्या के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना रखता है।
ट्रम्प‑क्लास युद्धपोतों की घोषणा अमेरिकी समुद्री शक्ति और वैश्विक सामरिक संतुलन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह न केवल नौसेना की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाएगी, बल्कि अमेरिका की शिपबिल्डिंग उद्योग को भी लंबे समय तक प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने में मदद करेगी। अमेरिकी नौसेना का यह विस्तारीकरण और आधुनिकरण भविष्य में वैश्विक समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक गठबंधनों को भी प्रभावित कर सकता है।