ट्रंप का विरोध: अंतरराष्ट्रीय समुद्री कार्बन टैक्स को बताया “ग्लोबल ग्रीन न्यू स्कैम टैक्स”

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 16 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा वैश्विक शिपिंग पर कार्बन उत्सर्जन मूल्य निर्धारण के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इस प्रस्ताव को “ग्लोबल ग्रीन न्यू स्कैम टैक्स” कहते हुए अमेरिकी हितों पर हमला बताया और कहा कि अमेरिका इस कर का किसी भी रूप में पालन नहीं करेगा।
IMO इस सप्ताह लंदन में एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहा है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि क्या शिपिंग उद्योग पर वैश्विक कार्बन टैक्स लागू किया जाए। इस प्रस्ताव का उद्देश्य समुद्री परिवहन को अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाना और जलवायु परिवर्तन को कम करने की दिशा में एक वैश्विक प्रयास है। परंतु ट्रंप ने इसे अमेरिकी उपभोक्ताओं पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ बताया है।
ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा, “मैं इस बात से बेहद आक्रोशित हूं कि IMO इस सप्ताह लंदन में वैश्विक कार्बन टैक्स पारित करने के लिए मतदान कर रहा है। अमेरिका इस टैक्स का किसी भी रूप में समर्थन नहीं करेगा। हम अपने उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं डाल सकते और ना ही किसी ग्रीन ड्रीम नौकरशाही को पैसा दे सकते।”
ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे अमेरिका के साथ खड़े हों और इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करें। उन्होंने इसे संप्रभुता पर खतरा बताते हुए कहा कि यह अमेरिका के नागरिकों और कंपनियों पर एक अप्रत्यक्ष वैश्विक कर थोपने की कोशिश है।
अमेरिकी सरकार की चेतावनियाँ
ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी इस प्रस्ताव के विरोध में सामने आए। विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऊर्जा मंत्री राइट और परिवहन मंत्री डफी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अमेरिका इस प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज करता है। उनके अनुसार यह नीति न केवल अमेरिकी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त लागत डालेगी, बल्कि शिपिंग कंपनियों और टूरिज्म उद्योग पर भी असर डालेगी।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई देश इस कर का समर्थन करता है तो अमेरिका उन पर कार्रवाई कर सकता है। इसमें वीज़ा प्रतिबंध, बंदरगाह शुल्क में वृद्धि, और पर्यावरणीय नीतियों को समर्थन देने वाले अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IMO (International Maritime Organization) संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो वैश्विक समुद्री सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है।
- वैश्विक शिपिंग उद्योग दुनिया के कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 3% योगदान करता है।
- अमेरिका 2017 में पेरिस जलवायु समझौते से भी अलग हो चुका था, जिसे ट्रंप ने “अन्यायपूर्ण” कहा था।
- “ग्रीन न्यू डील” अमेरिका की एक घरेलू पर्यावरणीय योजना है, जिसका ट्रंप लंबे समय से विरोध करते रहे हैं।
यह विरोध उस व्यापक बहस का हिस्सा है जो आज विश्वभर में जलवायु परिवर्तन और उसकी लागतों को लेकर हो रही है। अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश का इस तरह से पीछे हटना वैश्विक प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। वहीं समर्थक यह मानते हैं कि ऐसे करों से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।