झारखंड सरकार ने डोमिसाइल बिल पारित किया

झारखंड सरकार ने डोमिसाइल विधेयक पारित किया और विधेयक को राज्यपाल के पास उनकी सहमति के लिए भेजा गया है। राज्यपाल ने विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। राज्यपाल के अनुसार, यह बिल झारखंड राज्य में सभी लोगों को समान रोजगार के अवसर प्रदान करने में विफल रहता है। विधेयक में कहा गया है कि राज्य सरकार के तीसरे और चौथे दर्जे के पदों पर केवल स्थानीय लोगों को ही नियुक्त किया जा सकता है।

डोमिसाइल बिल क्या है?

यह बिल झारखंड राज्य में “स्थानीय लोगों” को परिभाषित करता है। 1932 के भूमि अभिलेखों के आधार पर यह परिभाषा तैयार की गई है। साथ ही, इस विधेयक में कहा गया है कि केवल स्थानीय लोगों को राज्य सरकार के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्त किया जा सकता है।

राज्यपाल के विचार

रमेश बैस झारखंड राज्य के वर्तमान राज्यपाल हैं। उनका कहना है कि अनुच्छेद 16 सभी भारतीय नागरिकों को रोजगार के समान अवसरों की गारंटी देता है। राज्य सरकार के पदों पर केवल “स्थानीय लोगों” की नियुक्ति उपरोक्त अनुच्छेद का उल्लंघन करती है।

न्यायिक हवाला

सरकार ने अपने तर्क के समर्थन में शीर्ष अदालत के आदेशों का हवाला दिया है। नरसिम्हा राव बनाम आंध्र प्रदेश सरकार का मामला राज्य में गैर-अधिवासित व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसरों के बारे में था। आंध्र प्रदेश सरकार ने गैर-अधिवास व्यक्तियों को राहत दी और उन्हें स्थानीय लोगों के साथ बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 16 को लागू करने वाली आंध्र प्रदेश सरकार की कार्रवाई की निंदा की।

Originally written on February 3, 2023 and last modified on February 3, 2023.

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