झारखंड ने कृषि ऋण माफी योजना को मंज़ूरी दी

झारखंड ने कृषि ऋण माफी योजना को मंज़ूरी दी

झारखंड मंत्रिमंडल ने हाल ही में 9.07 लाख किसानों के 50,000 रुपये तक के ऋण को माफ़ करने के लिए मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने इस उद्देश्य के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

मुख्य बिंदु

झारखंड सरकार के अनुसार, राज्य में 12.93 लाख किसान हैं। उनके पर 5,800 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है।

अन्य स्वीकृतियां

  • झारखंड मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना की जगह अपनी ‘फसल राहत योजना’ को मंजूरी दी। राज्य सरकार ने फसल राहत योजना के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
  • इसके अलावा, झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के संशोधन को भी मंजूरी दी गई है।
  • साथ ही, कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दी कि झारखण्ड सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत भूमि का अधिग्रहण नहीं करेगी।

कर्जमाफी के लाभ

  • आय में गिरावट, बढ़ती लागत और ऋणग्रस्तता की बढ़ती घटनाओं के कारण किसान आत्महत्याएं बढ़ रही हैं, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के बीच यह समस्या काफी बड़ी है। इसकर्जमाफी से राज्य के किसानों को कुछ राहत मिलेगी।
  • किसान संकट के दो प्रमुख कारण हैं – आय में कमी और ऋणग्रस्तता।नाबार्ड के अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेश सर्वेक्षण के अनुसार, किसानों की आय के प्रमुख स्रोत मजदूरी और खेती हैं। इस सर्वेक्षण के अनुसार खेती से कृषि परिवारों की मासिक आय 2013 और 2017 के बीच लगभग स्थिर रही। 2013 में यह 3081 रुपये और 2017 में 3140 रुपये थी।

कर्जमाफी पर चिंता

  • ऋण माफी का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा है जिन्होंने संस्थागत स्रोतों से ऋण लिया है।एनएसएसओ के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 52% किसानों ने ऋण लिया है। इनमें से केवल 60% किसानों ने संस्थागत स्रोतों से ऋण लिया था।
  • ऋण माफी के कारण किसानों के पुनर्भुगतान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • पहले के ऋण माफ करने से कृषि क्षेत्र में उत्पादकता या निवेश में वृद्धि नही हुई है।देश में पहली ऋण माफी 1990 में शुरू की गई थी।
  • ऋण माफी से बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियां (Non-Performing Assets) में वृद्धि होती है।
  • ऋण माफी से सरकार का राजकोषीय घाटा भी बढ़ता है।
Originally written on December 26, 2020 and last modified on December 26, 2020.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *