जोहांसबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन: भारत आतंकवाद पर सख्त रुख के लिए तैयार
भारत ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 नवंबर 2025 तक जोहांसबर्ग में आयोजित होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। तीनों सत्रों में वे भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। इस बार भारत का मुख्य लक्ष्य संयुक्त घोषणा (Joint Declaration) में आतंकवाद पर सख्त शब्दों में प्रतिबद्धता दर्ज करवाना और वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान तथा सतत विकास से जुड़ी चर्चाओं में अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट करना है।
संयुक्त घोषणा में आतंकवाद विरोध को प्रमुखता
भारत इस शिखर बैठक में वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की माँग करेगा। इसमें उन देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया जाएगा जो आतंकवादी नेटवर्कों को समर्थन या संरक्षण देते हैं। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यद्यपि जी20 का प्राथमिक फोकस आर्थिक विषयों पर होता है, फिर भी आतंकवाद भारत की राष्ट्रीय और वैश्विक चिंता का केंद्र है। भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि “ग्लोबल साउथ” से जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों को भी अंतिम घोषणा-पत्र में उचित स्थान मिले।
शिखर सम्मेलन के विषय और भारत की नीति प्राथमिकताएँ
जोहांसबर्ग सम्मेलन के तीन मुख्य सत्र “समावेशी और सतत आर्थिक विकास”, “आपदा जोखिम न्यूनीकरण”, “ऊर्जा संक्रमण और जलवायु परिवर्तन” जैसे विषयों पर केंद्रित होंगे। इसके अतिरिक्त “खाद्य प्रणाली, महत्त्वपूर्ण खनिज, गरिमामय रोजगार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर भी चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी इन सत्रों में निष्पक्ष बाजार पहुंच, विकास वित्तपोषण और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की लचीलापन (resilience) पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। ये चर्चाएँ वर्तमान भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के बीच विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
कूटनीतिक बैठकें और वैश्विक प्रतिनिधित्व
प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन के साथ-साथ भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के “IBSA नेताओं की बैठक” में भी भाग लेंगे, जिससे ग्लोबल साउथ के लोकतांत्रिक सहयोग को नई दिशा मिलेगी। इस बार अमेरिका, रूस और चीन के राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, लेकिन उनके प्रतिनिधि देशों का पक्ष रखेंगे। इसके अलावा, भारत के लिए कई द्विपक्षीय बैठकों की भी योजना बनाई गई है, जिनमें रणनीतिक और आर्थिक साझेदारियों को आगे बढ़ाने पर चर्चा होगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- जी20 शिखर सम्मेलन 21–23 नवंबर 2025 को जोहांसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में आयोजित होगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों औपचारिक सत्रों में भाषण देंगे और IBSA बैठक में भाग लेंगे।
- भारत का उद्देश्य संयुक्त घोषणा में आतंकवाद-विरोधी प्रतिबद्धताओं को शामिल करवाना है।
- जी20 समूह वैश्विक GDP का लगभग 85%, विश्व व्यापार का 75% और विश्व जनसंख्या का दो-तिहाई हिस्सा प्रतिनिधित्व करता है।
दक्षिण अफ्रीका की प्राथमिकताएँ और भारत की भूमिका
मेज़बान देश दक्षिण अफ्रीका इस सम्मेलन में ऋण स्थिरता, आपदा राहत, जलवायु वित्त और महत्त्वपूर्ण खनिजों के समान वितरण जैसे विषयों को प्राथमिकता दे रहा है। भारत की भागीदारी न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत वैश्विक शासन तंत्र में सुरक्षा और विकास दोनों पहलुओं पर संतुलित योगदान देने वाला एक अग्रणी भागीदार बन चुका है।