जैव विविधता संरक्षण में नया अध्याय: आर्मेनिया बना IUCN का नया सदस्य

आर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की सदस्यता प्राप्त कर वैश्विक जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों में अपनी भागीदारी को और सशक्त किया है। यह घोषणा अबू धाबी में आयोजित IUCN वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस के दौरान की गई, जो इस देश की पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं का प्रतीक बन गई है।
IUCN सदस्यता का महत्व
IUCN सदस्यता प्राप्त करना किसी भी देश के लिए एक अहम उपलब्धि होती है, क्योंकि यह वैश्विक विशेषज्ञता, उन्नत उपकरणों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों तक पहुँच प्रदान करती है। आर्मेनिया के पर्यावरण मंत्री हांबार्दजुम माटेवोस्यान ने इस अवसर पर कहा, “IUCN के माध्यम से हम अपने संरक्षण लक्ष्यों को तेज़ी से आगे बढ़ा सकेंगे। यह सदस्यता हमें 2026 में होने वाले जैव विविधता सम्मेलन COP17 की मेजबानी की तैयारियों में भी सहयोग देगी।”
आर्मेनिया की पारिस्थितिक समृद्धि
यूरोप और एशिया के संगम पर स्थित आर्मेनिया विविध प्राकृतिक आवासों से भरपूर है, जैसे कि अल्पाइन घासभूमियाँ, पर्वतीय वन, अर्ध-रेगिस्तान और ताजे जल के पारितंत्र। ये क्षेत्रों में कई दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें क्रिटिकली एंडेंजर्ड कोकेशियाई तेंदुआ, स्थानिक बेज़ोआर बकरी और केवल सेवान झील में पाई जाने वाली सेवान ट्राउट शामिल हैं।
संरक्षण प्रयासों की दिशा में प्रगति
हाल के वर्षों में आर्मेनिया ने जैव विविधता नीति और कानून के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। “नेशनल बायोडायवर्सिटी स्ट्रैटेजी एंड एक्शन प्लान” और “रेड बुक ऑफ आर्मेनिया” जैसी पहलों ने संरक्षण के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। हालांकि, देश को अभी भी जैव विविधता निगरानी, कानूनी ढांचे और दीर्घकालिक वित्तपोषण जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IUCN (International Union for Conservation of Nature) की स्थापना 1948 में हुई थी और इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड में है।
- COP17 (Conference of the Parties) जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (CBD) का 17वाँ संस्करण होगा, जिसकी मेज़बानी 2026 में आर्मेनिया करेगा।
- कोकेशियाई तेंदुआ (Caucasian Leopard) IUCN की रेड लिस्ट में क्रिटिकली एंडेंजर्ड श्रेणी में आता है।
- Nature-based Solutions (NbS) वह अवधारणा है जो प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से जलवायु और जैव विविधता की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है।