जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर की भागीदारी, भारत ने फिर बढ़ाई वैश्विक उपस्थिति

जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर की भागीदारी, भारत ने फिर बढ़ाई वैश्विक उपस्थिति

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस समय कनाडा के नियाग्रा शहर में आयोजित जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहे हैं। उन्होंने इस दौरान ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील के अपने समकक्षों से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। जयशंकर की यह यात्रा भारत की वैश्विक सहभागिता को रेखांकित करती है और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है।

भारत की भूमिका और जयशंकर की यात्रा

यह यात्रा कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद के निमंत्रण पर हुई है, जिनसे जयशंकर की यह वर्ष की दूसरी द्विपक्षीय बैठक होगी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि जी7 में भारत की भागीदारी इस बात का प्रतीक है कि भारत जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, क्षेत्रीय संघर्ष और प्रौद्योगिकी शासन जैसे साझा वैश्विक मुद्दों पर साझेदार देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक 11 से 12 नवंबर 2025 तक आयोजित की गई, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको और यूक्रेन को आउटरीच देशों के रूप में आमंत्रित किया गया।

रणनीतिक साझेदारी और द्विपक्षीय वार्ताएँ

बैठक के दौरान जयशंकर ने कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात की

  • ब्रिटेन की विदेश सचिव येवेट कूपर से मुलाकात में “इंडिया–यूके विज़न 2035” को पुनः सशक्त किया गया, जो शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी आधारित विकास पर केंद्रित है।
  • फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो के साथ भारत–फ्रांस रणनीतिक साझेदारी और इंडो-पैसिफिक सहयोग पर चर्चा हुई।
  • जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वाडेफुल के साथ बातचीत भारत–यूरोपीय संघ (EU) रणनीतिक साझेदारी, मध्य पूर्व स्थिरता और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर केंद्रित रही।
  • ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा के साथ चर्चा ब्रिक्स (BRICS) और जी20 ढांचे में ग्लोबल साउथ सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित थी।

इंडिया–यूके विज़न 2035 की प्रमुख बातें

यह दीर्घकालिक साझेदारी भारत और ब्रिटेन के बीच भविष्य-उन्मुख सहयोग को परिभाषित करती है। इसका लक्ष्य शैक्षणिक, अनुसंधान और नवाचार क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से वैश्विक कौशलयुक्त मानव संसाधन का निर्माण करना है। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जलवायु कार्रवाई, सतत विकास और सुरक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक 11–12 नवंबर 2025 को नियाग्रा (कनाडा) में हुई।
  • भारत आउटरीच राष्ट्र के रूप में शामिल हुआ, निमंत्रण कनाडाई विदेश मंत्री अनिता आनंद ने दिया।
  • जयशंकर ने ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की।
  • इंडिया–यूके विज़न 2035 शिक्षा, तकनीक, नवाचार और वैश्विक शासन में सहयोग पर केंद्रित है।
  • जी7 सदस्य: कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ।

वैश्विक कूटनीति में भारत की बहुआयामी भूमिका

जयशंकर की सक्रिय भागीदारी भारत के उस बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है, जो विकसित और विकासशील देशों के बीच संपर्क सूत्र (Bridge) की भूमिका निभा रहा है। वर्तमान आर्थिक, पर्यावरणीय और भू-राजनीतिक संकटों के बीच भारत की मल्टी-अलाइंड (Multi-aligned) डिप्लोमेसी अर्थात पश्चिमी साझेदारों के साथ संबंधों को गहरा करते हुए ग्लोबल साउथ में नेतृत्व निभाना अब भारत की वैश्विक नीति की प्रमुख पहचान बन चुकी है।

Originally written on November 12, 2025 and last modified on November 12, 2025.

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