जी20 में भारत का सतत विकास प्रस्ताव: खनिज परिपथन और उपग्रह डेटा साझेदारी पर जोर

जी20 में भारत का सतत विकास प्रस्ताव: खनिज परिपथन और उपग्रह डेटा साझेदारी पर जोर

जी20 शिखर सम्मेलन में भारत ने वैश्विक सततता (Sustainability) के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करते हुए दो महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव रखे क्रिटिकल मिनरल्स सर्कुलैरिटी इनिशिएटिव और ग्लोबल सैटेलाइट डेटा-शेयरिंग फ्रेमवर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह प्रस्ताव “लचीलापन, जलवायु कार्रवाई और ऊर्जा संक्रमण” पर केंद्रित सत्र के दौरान प्रस्तुत किए।

महत्वपूर्ण खनिजों के परिपथन (Circularity) पर भारत का जोर

भारत ने जी20 देशों के समक्ष क्रिटिकल मिनरल्स सर्कुलैरिटी इनिशिएटिव शुरू करने का सुझाव दिया, जिसका उद्देश्य वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ बनाना और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है। इस पहल के तहत रीसाइक्लिंग, अर्बन माइनिंग (Urban Mining) और सेकंड-लाइफ बैटरी सिस्टम्स जैसे उपायों को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में आवश्यक माना गया है।प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए खनिजों का परिपत्र उपयोग (Circular Use) आवश्यक है, क्योंकि इससे संसाधनों पर निर्भरता घटेगी और दीर्घकालिक सतत विकास सुनिश्चित होगा।

खुली उपग्रह डेटा साझेदारी का प्रस्ताव

भारत ने दूसरा महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव G20 ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप के रूप में दिया। इसका उद्देश्य जी20 देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों के उपग्रह डेटा को विकासशील देशों के लिए सुलभ बनाना है। यह डेटा कृषि, मत्स्य पालन, आपदा प्रबंधन और जलवायु निगरानी जैसे क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध होगा।यह पहल “ग्लोबल साउथ” के देशों को तकनीकी सशक्तिकरण प्रदान करने और सूचना असमानता (Information Gap) को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

जलवायु लचीलापन, खाद्य सुरक्षा और वैश्विक सहयोग

भारत ने सत्र के दौरान जलवायु परिवर्तन के कृषि एवं खाद्य प्रणालियों पर प्रभाव की चर्चा की और अपने देश में चल रही खाद्य सुरक्षा योजनाओं, पोषक अनाज (मिलेट्स) को बढ़ावा देने तथा जलवायु अनुकूल कृषि पहल का उल्लेख किया। भारत ने यह स्पष्ट किया कि जलवायु संकट, प्राकृतिक आपदाएँ और खाद्य असुरक्षा जैसी चुनौतियाँ केवल साझा सहयोग और विकास-केंद्रित रणनीतियों से ही हल हो सकती हैं, न कि तात्कालिक प्रतिक्रियात्मक कदमों से।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत ने G20 क्रिटिकल मिनरल्स सर्कुलैरिटी इनिशिएटिव का प्रस्ताव दिया, जो रीसाइक्लिंग और अर्बन माइनिंग को बढ़ावा देता है।
  • G20 ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप का सुझाव विकासशील देशों को उपग्रह डेटा उपलब्ध कराने के लिए रखा गया।
  • दोनों प्रस्ताव जी20 शिखर सम्मेलन के जलवायु और लचीलापन सत्र में प्रस्तुत किए गए।
  • भारत ने खाद्य सुरक्षा, आपदा जोखिम प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा को प्रमुख विषयों के रूप में रेखांकित किया।

अतिरिक्त वैश्विक विकास पहलें

भारत ने अपने व्यापक दृष्टिकोण के तहत अन्य पहलों को भी समर्थन दिया, जिनमें ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी, वैश्विक हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम, और ड्रग-टेरर नेक्सस से निपटने के प्रयास शामिल हैं। इन पहलों का लक्ष्य साझा ज्ञान, प्रौद्योगिकी और तैयारी के माध्यम से दुनिया को अधिक न्यायसंगत, सुदृढ़ और सतत विकास के मार्ग पर अग्रसर करना है।

Originally written on November 24, 2025 and last modified on November 24, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *