जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का शुभारंभ: कर सुधारों में एक नया अध्याय

भारत के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में, केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का औपचारिक शुभारंभ किया। यह पहल जीएसटी शासन प्रणाली को सुदृढ़ करने और कर विवादों के समाधान के लिए एक स्वतंत्र, पारदर्शी और तकनीक-संपन्न मंच प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम है।

‘वन नेशन, वन फोरम’: जीएसटी के विकास की अगली कड़ी

कार्यक्रम में वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी, GSTAT के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा, हरियाणा राज्य के मंत्री श्री राव नरबीर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी, कानूनी विशेषज्ञ, और व्यापारिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक संस्थागत पहल नहीं, बल्कि आठ वर्षों की कर सुधार यात्रा की एक प्रतीकात्मक उपलब्धि है। उन्होंने इसे ‘वन नेशन, वन टैक्स, वन मार्केट’ से आगे बढ़कर ‘वन नेशन, वन फोरम फॉर फेयरनेस एंड सर्टेन्टी’ के रूप में परिभाषित किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जीएसटी अब सिर्फ एक राजस्व प्रणाली नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि की नींव बन चुकी है, जो कर आधार को व्यापक बनाती है, औपचारिकता को बढ़ावा देती है, और शासन में सरलता लाती है।

न्याय के लिए तकनीक-संपन्न और सरल मंच

GSTAT की प्रमुख विशेषताओं में डिजिटल फाइलिंग, वर्चुअल सुनवाई, सरल प्रारूप, और समयबद्ध न्याय शामिल हैं। GSTAT का नया ई-कोर्ट पोर्टल, जो GSTN और NIC द्वारा विकसित किया गया है, अपीलों के ऑनलाइन दाखिले, सुनवाई की निगरानी और मामलों की डिजिटल ट्रैकिंग को संभव बनाता है।
यह पोर्टल उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए विस्तृत गाइडेंस, FAQs, और प्रशिक्षण वीडियो के साथ उपलब्ध है, जिससे एमएसएमई, स्टार्टअप और आम करदाता सभी लाभान्वित हो सकें।

संरचना, विस्तार और समन्वय की त्रिवेणी

GSTAT की डिज़ाइन तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है — संरचना (Structure): न्यायिक और तकनीकी विशेषज्ञता का संतुलन; विस्तार (Scale): देश भर में 31 राज्य पीठों के माध्यम से व्यापक पहुंच; और समन्वय (Synergy): तकनीक, प्रक्रियाओं और मानव विशेषज्ञता का समेकित उपयोग।
GSTAT की हर पीठ में दो न्यायिक सदस्य, एक तकनीकी सदस्य (केंद्र) और एक तकनीकी सदस्य (राज्य) होंगे, जो सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GSTAT वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के तहत स्थापित एक वैधानिक अपीलीय न्यायाधिकरण है।
  • इसका प्रधान पीठ (Principal Bench) नई दिल्ली में और 45 स्थानों पर 31 राज्य पीठों के माध्यम से यह कार्य करेगा।
  • जीएसटी लागू होने के बाद से यह पहली बार है कि एक स्वतंत्र अपीलीय मंच की स्थापना की गई है।
  • GSTAT का ई-कोर्ट पोर्टल उपयोगकर्ताओं को 30 जून 2026 तक चरणबद्ध तरीके से अपील दाखिल करने की सुविधा प्रदान करेगा।

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