जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप: उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी
जापान के मिसावा शहर के उत्तर-पूर्व में 8 दिसंबर 2025 की रात को आए 7.6 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने एक बार फिर देश की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर कर दिया। इस भूकंप के बाद तुरंत ही जापानी मौसम एजेंसी द्वारा तटीय क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता और गहराई की पुष्टि की, जबकि राष्ट्रीय एजेंसियों ने त्वरित राहत और बचाव प्रयासों की शुरुआत की।
भूकंप का स्थान और प्रभाव
भूकंप का केंद्र मिसावा शहर से लगभग 73 किलोमीटर उत्तर-पूर्व की ओर स्थित था, जिसकी गहराई लगभग 53 किलोमीटर मापी गई। यह उथले श्रेणी का भूकंप माना गया, जो आमतौर पर अधिक तीव्र झटकों का कारण बनता है। इस घटना के बाद जापान के आपातकालीन प्रणालियों को सक्रिय कर दिया गया, और संभावित आफ्टरशॉक्स तथा संरचनात्मक क्षति का आकलन शुरू किया गया।
तटीय क्षेत्रों में सुनामी अलर्ट
जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी दी कि 3 मीटर तक ऊंची सुनामी लहरें आओमोरी और इवाते प्रान्त के तटों से टकरा सकती हैं। बंदरगाह नगरों को तत्काल उच्च स्थानों पर जाने का निर्देश दिया गया। सार्वजनिक प्रसारण चैनलों के माध्यम से लोगों को बार-बार चेतावनी दी गई कि वे निम्न इलाकों से दूर रहें और सुरक्षित क्षेत्रों में रहें। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कुछ स्थानों पर 40 सेंटीमीटर ऊंची लहरें दर्ज की गईं।
जापान की टेक्टोनिक स्थिति और भूकंपीय खतरे
जापान प्रशांत, फिलीपीन सागर, यूरेशियन और उत्तर अमेरिकी प्लेटों के संगम पर स्थित है। इन प्लेटों की निरंतर टकराहट और सबडक्शन प्रक्रियाएं देश को अत्यंत सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र बनाती हैं। यह इलाका ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, जहां विश्व के अधिकांश शक्तिशाली भूकंप आते हैं। इसीलिए जापान में हर साल हज़ारों भूकंप दर्ज किए जाते हैं, जिनमें से कई घातक सिद्ध होते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- जापान चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के संगम क्षेत्र में स्थित है, जिससे यह एक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र बनता है।
- शैलो भूकंप (0-70 किमी गहराई) अधिक तीव्र जमीन कंपन्न पैदा करते हैं, जैसे यह 53 किमी गहराई वाला भूकंप।
- जापान में प्रतिवर्ष लगभग 1,500 भूकंप दर्ज होते हैं, जिनमें से कुछ घातक सिद्ध होते हैं।
- 2011 का तोहोकू भूकंप और सुनामी (9.1 तीव्रता) जापान के इतिहास की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक था।
जापान में आया यह हालिया भूकंप एक बार फिर दर्शाता है कि आधुनिक तकनीक और जागरूकता के बावजूद प्रकृति की ताकत के सामने मनुष्य को हमेशा सतर्क और तैयार रहना चाहिए। इस प्रकार की घटनाएं न केवल जापान बल्कि अन्य भूकंपीय और तटीय देशों के लिए भी एक चेतावनी हैं कि आपदा प्रबंधन और सतर्कता में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जा सकती।