जापान ने डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार नामांकन का समर्थन किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एशिया यात्रा के दौरान जापान उनका नवीनतम समर्थनकर्ता बनकर सामने आया है, जिसने उनके नोबेल शांति पुरस्कार नामांकन का समर्थन किया है। टोक्यो के अकासाका पैलेस में जापान की नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री साने ताकाइची के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक के दौरान यह घोषणा हुई, जो ट्रंप की यात्रा का एक अहम राजनयिक क्षण बन गया।
टोक्यो का ट्रंप की शांति पहल को समर्थन
प्रधानमंत्री ताकाइची ने ट्रंप की “ऐतिहासिक भूमिका” की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विशेष रूप से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हालिया संघर्षविराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही उन्होंने पश्चिम एशिया में ट्रंप की मध्यस्थता को भी प्रभावी कूटनीति का उदाहरण बताया। हालांकि जापान सरकार की ओर से आधिकारिक वक्तव्य अभी आना बाकी है, लेकिन व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि जापान जल्द ही पाकिस्तान, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों की सूची में शामिल होकर ट्रंप के नामांकन का समर्थन करेगा।
अमेरिका-जापान के बीच महत्वपूर्ण खनिज समझौता
इस यात्रा के दौरान अमेरिका और जापान ने एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो महत्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की आपूर्ति से संबंधित है। यह समझौता वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति शृंखलाओं को मजबूत करेगा और चीन पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। इस करार को अमेरिका-जापान आर्थिक संबंधों की नई गहराई का प्रतीक माना जा रहा है, खासकर उस समय जब वैश्विक संसाधनों को लेकर प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है।
ट्रंप की वैश्विक शांति मुहिम को मिल रहा समर्थन
“शांति के राष्ट्रपति” की छवि गढ़ते हुए ट्रंप अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने इज़राइल और अरब देशों के बीच ऐतिहासिक समझौते करवाए हैं और दक्षिण पूर्व एशिया में संघर्षविराम को संभव बनाया है। हालांकि नोबेल समिति ने अब तक उनकी उम्मीदवारी को औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है, लेकिन कई देशों ने उनके नामांकन की औपचारिक सिफारिश कर दी है, यह कहते हुए कि उनकी कूटनीति “परिवर्तनकारी” रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने अक्टूबर 2025 में ट्रंप के नोबेल नामांकन का समर्थन किया।
- ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्षविराम में मध्यस्थता की भूमिका निभाई।
- अमेरिका-जापान समझौता दुर्लभ पृथ्वी तत्वों और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति से संबंधित है।
- पाकिस्तान, कंबोडिया और थाईलैंड पहले ही ट्रंप के नोबेल नामांकन का समर्थन कर चुके हैं।
एशिया दौरे की मुख्य बातें और आगामी कार्यक्रम
ट्रंप की एशिया यात्रा की शुरुआत मलेशिया से हुई, जहाँ उन्होंने ASEAN शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और क्षेत्रीय वार्ताओं में मध्यस्थता की। जापान के बाद वे दक्षिण कोरिया जाएंगे, जहाँ APEC शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से व्यापार संबंधों पर चर्चा करेंगे। यह यात्रा एशिया में उनकी नवीनीकृत कूटनीतिक सक्रियता और वैश्विक पहचान हासिल करने की मुहिम को दर्शाती है।
ट्रंप की यह यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक मंच पर उनकी पुनर्स्थापना और विवादों से परे एक वैश्विक शांति-दूत की छवि बनाने की दिशा में एक अहम कदम भी मानी जा रही है।