जापान का OHISAMA प्रोजेक्ट – अंतरिक्ष से धरती तक सौर ऊर्जा

जापान का OHISAMA प्रोजेक्ट – अंतरिक्ष से धरती तक सौर ऊर्जा

जापान ने हाल ही में “OHISAMA” नामक एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा को संग्रहित करके पृथ्वी पर वायरलेस तरीके से भेजना है। “OHISAMA”, जिसका अर्थ जापानी में “सूरज” होता है, इस नई तकनीक का प्रतीक है जो ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

स्पेस-बेस्ड सोलर पावर (SBSP) की अवधारणा

1968 में पीटर ग्लेसर द्वारा प्रस्तावित अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा प्रणाली (SBSP) अब साकार होती नजर आ रही है। OHISAMA परियोजना के अंतर्गत 180 किलोग्राम वज़न वाला एक सैटेलाइट पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर कक्षा में स्थापित किया गया है, जिसमें 2 वर्ग मीटर का फोटोवोल्टिक पैनल लगाया गया है। यह सैटेलाइट लगभग 1 किलोवॉट बिजली उत्पन्न कर सकता है, जो एक छोटे घरेलू उपकरण को एक घंटे तक चला सकता है।

माइक्रोवेव: ऊर्जा का अदृश्य पुल

OHISAMA सौर ऊर्जा को पहले माइक्रोवेव में परिवर्तित करता है और फिर उसे धरती पर स्थित “रेक्टेना” (Rectenna) तक भेजता है। यह ग्राउंड रेक्टेना माइक्रोवेव को फिर से बिजली में बदल देता है। मौसम की स्थिति की परवाह किए बिना माइक्रोवेव की यह तकनीक काम कर सकती है। हालांकि, सैटेलाइट की गति लगभग 28,000 किमी/घंटा होने के कारण सटीक बीम नियंत्रण की आवश्यकता होती है। जापान ने इस चुनौती को पार करने के लिए एक उच्च-परिशुद्धता बीम-पॉइंटिंग सिस्टम विकसित किया है, जो 0.15 डिग्री की सटीकता प्राप्त करता है।

परीक्षण की प्रक्रिया: धरती से आकाश तक

OHISAMA परियोजना के विभिन्न भागों का चरणबद्ध तरीके से परीक्षण किया गया है। 2015 में 1.8 किलोवाट ऊर्जा को 55 मीटर की दूरी तक सटीकता से ट्रांसमिट करने में सफलता मिली। इसके बाद 500 मीटर की दूरी तक 10 किलोवाट ऊर्जा के ट्रांसमिशन का परीक्षण किया गया, जिससे इसकी स्केलेबिलिटी सिद्ध हुई। अगले चरण में, 7,000 मीटर की ऊंचाई से उड़ते विमान से बिजली भेजने का परीक्षण किया जाएगा, और फिर सैटेलाइट के माध्यम से परीक्षण किया जाएगा।

भविष्य की दिशा: ब्रह्मांड से स्वच्छ ऊर्जा

यदि यह परियोजना सफल होती है, तो यह ऊर्जा उत्पादन और वितरण की प्रणाली को पूरी तरह बदल सकती है। यह तकनीक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक बिजली संरचनाएं नष्ट हो जाती हैं, एक स्थायी और लगातार बिजली आपूर्ति का समाधान बन सकती है।

जापान की दीर्घकालिक योजना में भूस्थिर कक्षा में बड़े सौर ऊर्जा सैटेलाइट भेजने की योजना है, जो 1 गीगावाट तक बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। हालांकि, इस मार्ग में कई तकनीकी चुनौतियां हैं – जैसे सुरक्षित माइक्रोवेव ट्रांसमिशन और अंतरिक्ष में बड़े ढांचे का निर्माण – फिर भी OHISAMA परियोजना एक स्थायी और अंतरिक्ष-आधारित ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Originally written on May 24, 2025 and last modified on May 24, 2025.

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