जल जीवन मिशन : 2021-22 के लिए राज्य-वार योजना अभ्यास शुरू हुआ

जल शक्ति मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ वार्षिक योजना अभ्यास शुरू करेगा।
योजना क्या है?
- यह अभ्यास पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति द्वारा किया जायेगा।
- यह समिति प्रति दिन दो राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों पर काम करेगी।
- यह समिति राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए तैयार की गयी प्रस्तावित वार्षिक कार्य योजना की कठोर जांच करेगी। फिर योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
वार्षिक कार्य योजना में प्राथमिकताएं
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी प्रस्तावित वार्षिक कार्य योजना में पानी की गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्रों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकांश गांवों, सूखे से प्रभावित गांवों और रेगिस्तानी क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है।
जल जीवन मिशन के लिए आवंटित धन
- भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) को 50,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- इसके अलावा, पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत 26,940 करोड़ रुपये का आश्वासन दिया गया है।
- 2021-22 में, भारत सरकार ने ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है।
जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission)
- जल जीवन मिशन की घोषणा 2019 में की गयी थी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य 2024 तक भारत में हर घर में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना है।
- यह मिशन प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति करने की परिकल्पना करता है।
- COVID-19 लॉक डाउन के दौरान, भारत सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के स्तर में तेजी से वृद्धि की।यह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत काम के घंटे बढ़ाने के लिए किया गया था। भारत सरकार ने प्रवासी श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की आजीविका का समर्थन मनरेगा के माध्यम से किया। इसके साथ ही, मनरेगा की मजदूरी में वृद्धि की गई। इसलिए, काम के घंटे की अधिक संख्या की आवश्यकता थी। यह जल जीवन मिशन द्वारा प्रदान किया गया था। जल जीवन मिशन (पाइप बिछाने, प्लंबिंग कार्य, खुदाई, वर्षा फसल प्रणाली स्थापित करना, आदि) को लागू करने के लिए मनरेगा के काम के घंटे का उपयोग किया गया था।
Originally written on
April 10, 2021
and last modified on
April 10, 2021.