जर्मन अभिनेता उडो कीर का निधन: सिनेमा के अनोखे खलनायक को श्रद्धांजलि
जर्मनी के प्रसिद्ध अभिनेता उडो कीर का 81 वर्ष की आयु में पाम स्प्रिंग्स में निधन हो गया। वे अपनी रहस्यमय और भयावह भूमिकाओं के लिए विश्वभर में जाने जाते थे। पांच दशकों से अधिक लंबे करियर और 275 से अधिक फिल्मों में अभिनय के साथ, कीर अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के सबसे विशिष्ट अभिनेताओं में गिने जाते हैं।
साहसिक और बहुआयामी अभिनय जीवन
उडो कीर का फिल्मी सफर बेहद विविध और निर्भीक रहा। उन्होंने हॉलीवुड की लोकप्रिय फिल्मों से लेकर यूरोपीय आर्टहाउस सिनेमा तक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जटिल और विचित्र किरदारों को गहराई से निभाने की उनकी क्षमता ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी अंतिम स्क्रीन उपस्थिति “द सीक्रेट एजेंट” फिल्म और वीडियो गेम निर्माता हिदेओ कोजिमा की आगामी हॉरर गेम “OD” में देखने को मिलेगी।
संघर्षपूर्ण शुरुआत और जीवन की कहानी
उडो कीर का जन्म 1944 में जर्मनी के कोलोन शहर में उडो कीरस्पे के रूप में हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके जन्म के कुछ घंटे बाद ही उनका अस्पताल बमबारी में नष्ट हो गया, लेकिन वे और उनकी माँ चमत्कारिक रूप से जीवित बच गए। युद्धोत्तर कठिनाइयों में पले-बढ़े कीर बाद में लंदन चले गए, जहाँ एक कैफ़े में हुई आकस्मिक मुलाकात ने उनके अभिनय करियर की शुरुआत की राह खोली।
बड़ी सफलता और प्रसिद्ध सहयोग
उडो कीर को पहली बड़ी पहचान 1970 की हॉरर फिल्म “मार्क ऑफ द डेविल” से मिली। इसके बाद उन्होंने नैतिक जटिलताओं और अंधेरे चरित्रों को अपनाने की अपनी कला से अंतरराष्ट्रीय फिल्मकारों को प्रभावित किया। उन्होंने रेनेर वर्नर फासबिंदर, लार्स वॉन ट्रायर, पॉल मॉरिसी और गस वैन सेंट जैसे प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। उन्होंने “फ्रेंकेंस्टीन” और “ड्रैकुला” जैसी कल्ट फिल्मों में मुख्य भूमिकाएँ निभाईं तथा “ब्लेड”, “आर्मागेडन”, “डॉगविल” और “माय ओन प्राइवेट आइडाहो” जैसी लोकप्रिय फिल्मों में यादगार अभिनय किया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- उडो कीर का जन्म 1944 में कोलोन, जर्मनी में हुआ था।
- उन्होंने 275 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।
- उनका करियर-निर्धारक रोल 1970 की फिल्म “मार्क ऑफ द डेविल” में था।
- उनकी अंतिम परियोजनाओं में “द सीक्रेट एजेंट” और “OD” गेम शामिल हैं।
उडो कीर की अंतिम फिल्म में वे एक यहूदी होलोकॉस्ट जीवित व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हैं, जो ब्राज़ील की सैन्य तानाशाही से जूझता है। वहीं, “OD” के ज़रिए उनका प्रभाव अब इंटरएक्टिव गेमिंग की दुनिया तक पहुँच गया है। अपनी अनूठी शैली, गहराईपूर्ण अभिनय और भयावह करिश्मे से उन्होंने विश्व सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी है। उनका जाना सिनेमा जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, पर उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के कलाकारों को प्रेरित करती रहेगी।