जम्मू-कश्मीर में किरण जलविद्युत परियोजना ने पूरा किया बड़ा निर्माण मील का पत्थर

जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर निर्माणाधीन 624 मेगावाट की किरण जलविद्युत परियोजना ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस परियोजना ने कुल 12 लाख घन मीटर में से 10 लाख घन मीटर डैम कंक्रीटिंग कार्य पूरा कर लिया है। यह उपलब्धि बांध के पूर्ण निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है, जिससे यह परियोजना अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है। इस उपलब्धि की जानकारी चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (CVPPL) ने दी।
पावर हाउस निर्माण में भी तेज़ी
इस मील के पत्थर के साथ-साथ पावर हाउस के निर्माण में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। यूनिट-1 की स्टेटर असेंबली का कार्य शुरू हो गया है, जिससे पावर हाउस निर्माण की रफ्तार को और बल मिला है। परियोजना प्रबंधन ने इस अवसर पर पूरी टीम को बधाई दी और समयसीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने का आह्वान किया।
चिनाब घाटी में ऊर्जा केंद्र विकसित करने की योजना
CVPPL, जो NHPC और जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) का संयुक्त उद्यम है, को चिनाब बेसिन में कुल 3094 मेगावाट क्षमता वाली चार जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण का दायित्व सौंपा गया है। इनमें शामिल हैं:
- पाकल डुल (1000 मेगावाट)
- किरण (624 मेगावाट)
- क्वार (540 मेगावाट)
- किर्थई-द्वितीय (930 मेगावाट)
इन परियोजनाओं के माध्यम से चिनाब घाटी को उत्तर भारत का जलविद्युत उत्पादन केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
पाकल डुल परियोजना में भी रिकॉर्ड प्रगति
CVPPL द्वारा निष्पादित पाकल डुल जलविद्युत परियोजना ने भी हाल ही में जुलाई 2025 में 927 मीटर की सबसे लंबी टनल बोरिंग (लाइनिंग सहित) पूरी करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। यह परियोजना दो टनल बोरिंग मशीनों के माध्यम से 14.7 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल (HRT) का निर्माण कर रही है, जिनमें से अब तक कुल 8.1 किलोमीटर कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 6.6 किलोमीटर सुरंग कार्य को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- किरण परियोजना चिनाब नदी पर स्थित है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 624 मेगावाट है।
- CVPPL एक संयुक्त उद्यम है, जिसे NHPC और JKSPDC ने मिलकर स्थापित किया है।
- पाकल डुल परियोजना को “राष्ट्रीय महत्व की परियोजना” का दर्जा प्राप्त है।
- टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग भारत में बड़े जलविद्युत परियोजनाओं के लिए आधुनिक तकनीकी प्रगति का संकेत है।