जनवरी 2026 से शुरू होंगी विजिंजम अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल की कार्गो सेवाएँ

जनवरी 2026 से शुरू होंगी विजिंजम अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल की कार्गो सेवाएँ

विजिंजम अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (VICTT) में गेटवे कार्गो संचालन अब जनवरी 2026 से शुरू होने की संभावना है। पहले इसका शुभारंभ नवंबर 2025 में प्रस्तावित था, परंतु तकनीकी कारणों से इसमें थोड़ी देरी हुई है। यह परियोजना भारत के दक्षिणी तट से वैश्विक समुद्री कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

तकनीकी कारणों से समयसीमा में बदलाव

कस्टम विभाग द्वारा आयोजित हितधारक बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण टर्मिनल के संचालन की प्रारंभिक तिथि आगे बढ़ानी पड़ी। जनवरी 2026 में होने वाला यह गेटवे उद्घाटन दक्षिण भारत के निर्यात-आयात (EXIM) कार्गो के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय शिपिंग सेवाओं का मार्ग खोलेगा। इस पहल से न केवल व्यापारिक गति और विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्रीय उद्योगों को भी नई प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।

व्यापार और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभ

उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि जैसे-जैसे टर्मिनल अपने दूसरे चरण में प्रवेश करेगा, अधिक सीधी शिपिंग सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जिससे परिवहन लागत में कमी और डिलीवरी समय में सुधार आएगा। संचालन शुरू होने से राज्य के राजस्व में वृद्धि, रोजगार सृजन, लॉजिस्टिक्स, परिवहन और पोर्ट से जुड़ी सहायक सेवाओं में नई संभावनाएँ उत्पन्न होंगी।

हितधारकों के सुझाव और कस्टम की पहल

बैठक में हितधारकों ने अनुरोध किया कि टूटीकोरिन, कोल्लम, कोट्टायम और आसपास के अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (ICDs) से सील intact और कस्टम-क्लियर कंटेनरों को विजिंजम में स्वीकार किया जाए। इसके अलावा, आयात कंटेनरों की बंधित (bonded) आवाजाही और पड़ोसी बंदरगाहों से बार्ज-आधारित ट्रांसफर की अनुमति देने के प्रस्ताव भी रखे गए। कस्टम अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इन सुझावों पर विचार चल रहा है। कई वैज्ञानिक, औद्योगिक और चिकित्सा संस्थानों ने भी अपने आयात को इस नए टर्मिनल से रूट करने में रुचि दिखाई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • विजिंजम बंदरगाह पर गेटवे कार्गो संचालन जनवरी 2026 से शुरू होगा।
  • यह दक्षिण भारत से सीधी वैश्विक शिपिंग कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
  • तकनीकी विलंब के कारण नवंबर 2025 की निर्धारित तिथि आगे बढ़ाई गई।
  • हितधारकों ने ICD और पड़ोसी बंदरगाहों से कंटेनर मूवमेंट की अनुमति मांगी।

परिचालन चुनौतियाँ और अवसंरचनात्मक आवश्यकताएँ

बंदरगाह अधिकारियों ने बताया कि आयात और निर्यात कंटेनरों को अलग-अलग रखने के लिए स्थान की कमी एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। साथ ही, सड़क संपर्क, सुरक्षा प्रबंधन और कंटेनर फ्रेट स्टेशनों की उपलब्धता में सुधार की आवश्यकता है। हितधारकों ने बंदरगाह मार्गों पर यातायात और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई और लोडेड ट्रेलरों के साथ परीक्षण संचालन की मांग की। अधिकारियों ने पुष्टि की कि जैसे ही आवश्यक अवसंरचनात्मक उन्नयन पूरा होगा, समन्वित ट्रायल रन शुरू किए जाएंगे, जिससे पूर्ण स्तर पर निर्यात-आयात संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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