छत्तीसगढ़ में काले हिरण की वापसी: वन्यजीव संरक्षण की एक प्रेरणादायक सफलता

पचास वर्षों तक “स्थानीय रूप से विलुप्त” माने जा चुके काले हिरण (ब्लैकबक) को छत्तीसगढ़ के बरनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में फिर से बसाना राज्य सरकार की एक साहसिक और दूरदर्शी पहल थी। 2018 में शुरू हुई यह पुनःस्थापन योजना आज सफल साबित हुई है — आज बरनवापारा में 190 से अधिक काले हिरण विचरण कर रहे हैं। अब सरकार इस मॉडल को राज्य के अन्य अभयारण्यों में भी लागू करने की योजना बना रही है।
काले हिरण की पुनःस्थापना की योजना
ब्लैकबक, एक मध्यम आकार का सुंदर मृग है जो भारत और नेपाल के खुले घास के मैदानों में पाया जाता है। यह जीव भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध एक संकटग्रस्त प्रजाति है। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार ज़िले में स्थित बरनवापारा अभयारण्य में यह प्रजाति कभी आम थी, लेकिन 1970 के दशक में अत्यधिक शिकार, मानव अतिक्रमण और घासभूमि के क्षरण के कारण यह स्थानीय रूप से विलुप्त हो गई।
2018 में राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस प्रजाति को पुनः बसाने का निर्णय लिया गया। 2021–2026 की योजना के अंतर्गत 77 काले हिरण — 50 दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क से और 27 बिलासपुर के कानन पेंडारी ज़ूलॉजिकल गार्डन से — बरनवापारा लाए गए। इन हिरणों को पहले बाड़ों में दो वर्षों तक रखा गया और फिर धीरे-धीरे जंगल में छोड़ दिया गया।
चुनौतियाँ और समाधान
शुरुआत के दो वर्षों में कई चुनौतियाँ सामने आईं। न्यूमोनिया के प्रकोप से आठ काले हिरणों की मृत्यु हो गई। इसके बाद विभाग ने कई सुधारात्मक कदम उठाए — बाड़ों में रेत बिछाकर उन्हें सूखा रखा गया, जल निकासी प्रणाली सुधारी गई, अपशिष्ट प्रबंधन बेहतर किया गया और एक पशु चिकित्सक की नियुक्ति की गई।
दीर्घकालिक रणनीतियों में समर्पित संरक्षण दल का गठन किया गया, जिसने पोषण, निगरानी और आवास प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया। रामपुर घासभूमियों में खरपतवार हटाने और पोषक घासों को बढ़ावा देने का कार्य किया गया। निगरानी के लिए गश्ती शिविर, वॉचटावर और कैमरे लगाए गए, ताकि शिकार रोकने के लिए समय रहते कार्रवाई की जा सके।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- काले हिरण का वैज्ञानिक नाम Antilope cervicapra है।
- यह भारत की राष्ट्रीय पशु विरासत का हिस्सा है और इसका उल्लेख कई धार्मिक व सांस्कृतिक ग्रंथों में मिलता है।
- ब्लैकबक मुख्यतः खुले मैदानों में रहते हैं और अत्यधिक सतर्क और तेज गति से दौड़ने वाले प्राणी होते हैं।
- बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को 1998 में काले हिरण के शिकार के एक मामले में सज़ा सुनाई गई थी, जिससे यह प्रजाति राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आई।