चेन्नई बना देश का पहला शहर जिसमें शुरू हुआ रियल-टाइम फ्लड फोरकास्टिंग सिस्टम
चेन्नई ने बाढ़ से निपटने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रियल-टाइम फ्लड फोरकास्टिंग एंड स्पैशियल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (RTFF & SDSS) अब पूरी तरह से संचालन में आ गया है, जिससे चेन्नई भारत का पहला ऐसा शहर बन गया है जहां बाढ़ की सटीक और रियल-टाइम भविष्यवाणी संभव होगी। यह प्रणाली न केवल जनहानि को कम करने में मदद करेगी, बल्कि संपत्ति के नुकसान को भी न्यूनतम बनाएगी।
क्या है चेन्नई का RTFF & SDSS प्रोजेक्ट
करीब 107.2 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह अत्याधुनिक प्रणाली झीलों, नदियों, तूफानी जलनिकासी तंत्र और समुद्री क्षेत्रों को कवर करेगी। इसका उद्देश्य शहर के संवेदनशील इलाकों — जैसे पुलियनथोप, नुंगमबक्कम, मंबालम, सैदापेट, वेलाचेरी, मीनाम्बक्कम और मुदिचूर — के लिए सड़क-स्तर पर बाढ़ पूर्वानुमान उपलब्ध कराना है।
यह प्रणाली लगभग 4974 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करती है, जिसमें चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू और रानीपेट जिले शामिल हैं। इसके अंतर्गत अद्यार, कूम, कोसस्थलैयार और कोवलम जैसी महत्वपूर्ण नदी उप-घाटियों की निगरानी की जाएगी।
कैसे काम करता है यह सिस्टम
रियल-टाइम फ्लड फोरकास्टिंग एंड स्पैशियल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम एक तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म है जो हाइड्रोमौसम विज्ञान संबंधी वास्तविक समय डेटा एकत्र करता है। इसमें कई आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया गया है —
- ऑटोमैटिक रेन गेज (ARGs): वर्षा की मात्रा को सटीक रूप से मापते हैं।
- ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (AWS): तापमान, आर्द्रता, और वायु गति जैसे मौसम संबंधी आंकड़े दर्ज करते हैं।
- ऑटोमैटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर (AWLRs): नदियों और झीलों के जलस्तर की निरंतर निगरानी करते हैं।
- गेट सेंसर (GS): जल प्रवाह और बांध के गेट की स्थिति की जानकारी प्रदान करते हैं।
इन सभी डेटा को मिलाकर एक केंद्रीकृत प्रणाली में प्रोसेस किया जाता है, जो बाढ़ की संभावना और उसकी तीव्रता का पूर्वानुमान देती है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग इस जानकारी के आधार पर त्वरित निर्णय ले सकते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- चेन्नई भारत का पहला शहर है जिसने रियल-टाइम फ्लड फोरकास्टिंग सिस्टम लागू किया है।
- यह परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है और तमिलनाडु अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (TNUIFSL) द्वारा लागू की गई है।
- चेन्नई के प्रमुख नदी तंत्र — अद्यार, कोउम, कोसस्थलैयार और कोवलम — इस परियोजना के निगरानी क्षेत्र में आते हैं।
- इस प्रणाली के माध्यम से सड़क-स्तर पर बाढ़ पूर्वानुमान देने की क्षमता भारत में पहली बार विकसित की गई है।
चेन्नई के लिए यह कदम न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि नागरिक सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।