चेन्नई तट पर आयोजित होगा नेशनल लेवल पॉल्यूशन रिस्पॉन्स एक्सरसाइज (NATPOLREX-X) 2025

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard – ICG) अक्टूबर 2025 में चेन्नई, तमिलनाडु के तट पर अपने राष्ट्रीय स्तर के प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास ‘NATPOLREX-X’ का 10वां संस्करण आयोजित करने जा रहा है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम 5 से 6 अक्टूबर 2025 तक चलेगा और इसके साथ ही 27वीं ‘नेशनल ऑयल स्पिल डिजास्टर कंटिन्जेंसी प्लान’ (NOSDCP) एवं तत्परता बैठक भी आयोजित की जाएगी। इस आयोजन का उद्देश्य समुद्री तेल रिसाव की आपदा से निपटने की भारत की तैयारी और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का परीक्षण करना है।
समुद्री प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता
इस राष्ट्रीय अभ्यास में केंद्र सरकार के मंत्रालयों, तटीय राज्य सरकारों, प्रमुख बंदरगाहों, तेल संभालने वाली एजेंसियों और अन्य समुद्री संगठनों की सक्रिय भागीदारी होगी। कार्यक्रम में 100 से अधिक राष्ट्रीय प्रतिनिधि और 32 देशों से आए 40 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक भाग लेंगे, जिससे यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण बन गया है।भारतीय तटरक्षक बल इस अभ्यास में अपने उन्नत प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरणों, जहाजों और विमानों का प्रदर्शन करेगा जो समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। इस दौरान वास्तविक परिस्थितियों जैसी स्थिति में तेल रिसाव नियंत्रण की प्रक्रिया को दर्शाया जाएगा, जिससे भारत की तकनीकी क्षमता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को मजबूती मिलेगी।
समन्वित प्रयासों से सशक्त होगा समुद्री सुरक्षा तंत्र
NATPOLREX-X अभ्यास का प्रमुख लक्ष्य है—समुद्री आपदाओं से निपटने के लिए बहु-स्तरीय प्रतिक्रिया प्रणाली को परखना और सुधारना। यह आयोजन अंतर-एजेंसी सहयोग को मजबूत करेगा तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा। इस तरह यह अभ्यास न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा बल्कि भारत की ‘सतत विकास’ और ‘हरित समुद्र’ दृष्टि को भी बल देगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना 1 फरवरी 1977 को की गई थी।
- ‘NOSDCP’ का संचालन भारतीय तटरक्षक बल द्वारा पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है।
- NATPOLREX अभ्यास हर दो वर्ष में एक बार आयोजित किया जाता है।
- भारत MARPOL (Marine Pollution Convention) का हस्ताक्षरकर्ता देश है, जो समुद्री प्रदूषण नियंत्रण के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौता है।