चुनाव सुधार की दिशा में बड़ा कदम: 474 राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने हाल ही में चुनाव प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 474 अप्रत्याशित मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को सूची से बाहर कर दिया है। यह निर्णय ऐसे दलों के खिलाफ लिया गया है जो पिछले छह वर्षों से किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रहे थे और आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे।
लगातार कार्रवाई में 808 दलों की मान्यता रद्द
निर्वाचन आयोग ने इस प्रक्रिया की शुरुआत 9 अगस्त को 334 राजनीतिक दलों को डीलिस्ट करके की थी। अब, 18 सितंबर को दूसरे चरण में 474 और दलों को डीलिस्ट किया गया है। इस प्रकार, पिछले दो महीनों में कुल 808 राजनीतिक दलों को सूची से हटाया जा चुका है। वर्तमान में देश में कुल 2,046 अप्रत्याशित मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल शेष हैं।
कानूनी प्रावधान और आयोग की भूमिका
भारत में राजनीतिक दलों का पंजीकरण जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के अंतर्गत किया जाता है। इस अधिनियम के तहत, किसी भी पंजीकृत राजनीतिक दल को चुनाव चिह्न, कर छूट जैसी विशेष सुविधाएं प्राप्त होती हैं। लेकिन यदि कोई पार्टी लगातार छह वर्षों तक चुनाव में भाग नहीं लेती है, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटाने का प्रावधान है।
वित्तीय जवाबदेही पर भी सख्ती
ECI ने यह भी बताया कि 359 ऐसे दलों की पहचान की गई है जिन्होंने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) में अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की है, जबकि ये दल चुनावों में भाग ले चुके हैं। इन दलों ने अपने चुनावी खर्च की रिपोर्ट भी नहीं दी है, जो पारदर्शिता और जवाबदेही की दृष्टि से गंभीर लापरवाही मानी जाती है।
सुनवाई का अवसर और अंतिम निर्णय
निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी राजनीतिक दल को बिना उचित प्रक्रिया के डीलिस्ट न किया जाए। इसके लिए संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और फिर सुनवाई के बाद रिपोर्ट आयोग को भेजें। अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग द्वारा इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर लिया जाएगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में राजनीतिक दलों का पंजीकरण जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत होता है।
- RUPP (Registered Unrecognised Political Party) वे दल होते हैं जो पंजीकृत तो होते हैं, लेकिन उन्हें राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं होती।
- चुनाव न लड़ने वाले दलों को 6 साल बाद डीलिस्ट किया जा सकता है, यह निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस में शामिल है।
- पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न, कर छूट और कुछ अन्य प्रशासनिक सुविधाएं मिलती हैं।