चीन ने ब्रिटिश व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंधों की घोषणा की

चीन ने 26 मार्च, 2021 को प्रासंगिक ब्रिटिश व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंधों की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम ने शिनजियांग में मानव अधिकारों के मुद्दों का हवाला देते हुए प्रासंगिक चीनी व्यक्तियों और इकाईयों पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए थे। चीन के आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रासंगिक चीनी व्यक्तियों पर प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून और बुनियादी मानदंडों को भंग करता है जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करता है। यह चीन के आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप करता है और चीन और ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर करता है।

चीन के प्रतिबन्ध

चीनी विदेश मंत्रालय ने चीन के ब्रिटिश राजदूत के समक्ष अपना विरोध व्यक्त किया और कड़ी निंदा की। चीन ने ब्रिटेन से नौ व्यक्तियों और चार संस्थाओं को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है।

चीनी प्रतिबंधों के बाद, इन नौ व्यक्तियों और उनके तत्काल परिवार के सदस्यों को चीनी मुख्य भूमि, हांगकांग और चीन के मकाऊ में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीन में व्यक्तियों की संपत्ति भी फ्रीज़ होगी। चीनी नागरिक और संस्थाएं उनके साथ व्यापार नहीं कर पाएंगे।

शिनजियांग (Xinjiang) मुद्दा क्या है?

यूनाइटेड किंगडम ने बीजिंग के उइगर मुसलमानों (Uyghur Muslims) के प्रति बर्ताव के संबंध में मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए चीनी व्यक्तियों पर प्रतिबन्ध लगाया था। यूके ने आरोप लगाया था कि शिनजियांग के पश्चिमी क्षेत्र में रहने वाले मुख्य रूप से मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक उइगर का चीन उत्पीड़न कर  है। एक अनुमान के अनुसार, 2 मिलियन उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक हिरासत केंद्रों में रखे गये हैं, जहां उन्हें जबरन श्रम, उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

Originally written on March 27, 2021 and last modified on March 27, 2021.

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