चीन ने गोबी रेगिस्तान में चालू किया पहला दो-टावर सोलर थर्मल पावर स्टेशन: स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति

चीन ने पहली बार गोबी रेगिस्तान में एक अभिनव सोलर थर्मल पावर स्टेशन को सफलतापूर्वक चालू किया है। यह परियोजना न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत है, बल्कि लागत और दक्षता के मामले में भी एक मील का पत्थर मानी जा रही है। चाइना थ्री गॉर्जेस कॉरपोरेशन द्वारा विकसित यह संयंत्र, भविष्य में बड़े स्तर पर दोहराए जा सकने वाला मॉडल प्रस्तुत करता है।
दो टावर, एक टर्बाइन: नई संरचना का अद्भुत प्रयोग
यह संयंत्र चीन के गुआझोउ काउंटी में स्थित है, जिसमें दो 200 मीटर ऊँचे टावर हैं, जो लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन टावरों के चारों ओर लगभग 27,000 दर्पण (मिरर) लगाए गए हैं, जो सूर्य की किरणों को केंद्रित करके अत्यधिक ताप उत्पन्न करते हैं। यह ताप लगभग 570 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचता है और इससे प्राप्त ऊर्जा भाप के ज़रिए टर्बाइन को घुमाकर बिजली पैदा करती है।
इस दो-टावर प्रणाली में सुबह सूर्य की किरणें पूर्वी टावर पर केंद्रित होती हैं, जबकि दोपहर बाद पश्चिमी टावर सक्रिय रहता है, जिससे पूरे दिन भर उत्पादन क्षमता 25% तक अधिक हो जाती है।
धूप के बाद भी बिजली: थर्मल तकनीक की विशेषता
सोलर थर्मल पावर का मुख्य लाभ यह है कि यह सूर्यास्त के बाद भी बिजली उत्पादन में सक्षम है। इससे यह पारंपरिक सोलर पैनलों की सीमाओं को पार करता है। पिघले हुए लवणों में संग्रहित ऊष्मा से रात या बादल छाए रहने की स्थिति में भी भाप बनाकर बिजली उत्पन्न की जा सकती है।
लागत बचत और स्केलेबिलिटी
चीन की यह परियोजना आंशिक रूप से ओवरलैपिंग मिरर फील्ड्स का उपयोग करती है, जिससे मिररों की कुल संख्या घटती है। चूँकि संयंत्र लागत का लगभग 60% हिस्सा मिरर सिस्टम पर आधारित होता है, इसलिए यह डिज़ाइन महत्वपूर्ण लागत कटौती का मार्ग प्रशस्त करता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- संयंत्र में 27,000 दर्पण और दो 200 मीटर ऊँचे टावर शामिल हैं।
- संयंत्र लगभग 5 लाख घरों को सालाना बिजली आपूर्ति करने में सक्षम है।
- चीन में अब तक 21 व्यावसायिक सोलर थर्मल पावर प्लांट चालू हो चुके हैं।
- 30 नए संयंत्र निर्माणाधीन हैं, जो 3.1 मिलियन किलोवॉट क्षमता जोड़ेंगे।
- सोलर थर्मल तकनीक अब फोटोग्राफिक वोल्टाइक (PV) के पूरक रूप में उभर रही है, न कि प्रतिस्पर्धी रूप में।