चीन की GDP में 5.2% की वृद्धि: आर्थिक संकटों के बीच आश्चर्यजनक मजबूती

चीन की GDP में 5.2% की वृद्धि: आर्थिक संकटों के बीच आश्चर्यजनक मजबूती

चीन की अर्थव्यवस्था ने वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में 5.2% की वृद्धि दर दर्ज की है। यह वृद्धि ऐसे समय में आई है जब अमेरिका की ओर से लगाए गए ऊँचे टैरिफ, आंतरिक आर्थिक संकट, और वैश्विक व्यापार में मंदी जैसी चुनौतियाँ देश के सामने थीं। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब चीन की GDP वृद्धि वैश्विक विश्लेषकों की अपेक्षाओं से बेहतर रही है, जो इस बात का संकेत है कि चीन अभी भी अपनी आर्थिक मशीनरी को गति में बनाए रखने में सफल हो रहा है।

वैश्विक अनुमान से बेहतर प्रदर्शन

जनवरी-मार्च 2025 की पहली तिमाही में चीन की GDP 5.4% की दर से बढ़ी थी, जबकि दूसरी तिमाही के लिए अनुमानित दर मात्र 4.5% थी। ऐसे में 5.2% की वास्तविक वृद्धि ने बाज़ार को चौंका दिया है। इससे स्पष्ट होता है कि चीन अपनी वार्षिक वृद्धि लक्ष्य “लगभग 5%” को पाने की ओर अग्रसर है। हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक मानते हैं कि वर्ष की दूसरी छमाही में यह गति धीमी हो सकती है।

संरचनात्मक चुनौतियाँ और घरेलू मांग की कमी

चीन की तीन दशकों की तीव्र वृद्धि मुख्य रूप से वैश्विक निर्यात और आंतरिक रियल एस्टेट निवेश पर आधारित रही है। कोविड-19 के बाद उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास गिरा, और रियल एस्टेट क्षेत्र की गिरावट ने आर्थिक स्थिति को और जटिल बना दिया। एवरेग्रांडे जैसे रियल एस्टेट दिग्गज का पतन इस संकट की गहराई को दर्शाता है। घरों की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ता खर्च घटा और आर्थिक मांग कमज़ोर हुई।

बेरोजगारी और महंगाई के उलटे संकट

युवाओं में बेरोजगारी की दर 2023 के मध्य तक 20% से ऊपर पहुंच गई थी, और सरकार ने उसके बाद से यह आंकड़े जारी करने से परहेज़ किया है। इसके साथ ही चीन अब मुद्रास्फीति नहीं बल्कि ‘डिफ्लेशन’ यानी मूल्य गिरावट की समस्या से जूझ रहा है। डिफ्लेशन से उपभोक्ता खरीद को टालते हैं जिससे मांग और कम होती है और आर्थिक चक्र मंद पड़ जाता है।

निर्यात रणनीति और अमेरिका से दूरी

हालांकि अमेरिका के लिए चीन का निर्यात 26% गिर गया है, लेकिन चीन ने अन्य बाज़ारों जैसे ASEAN, अफ्रीका और यूरोपीय संघ की ओर निर्यात बढ़ाकर इस घाटे की भरपाई कर ली है। अमेरिका ने चीन के खिलाफ टैरिफ युद्ध जारी रखा है, और ‘CHIPS Act’ जैसे कदम उठाकर तकनीकी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज की है। इसके बावजूद चीन की औद्योगिक उत्पादन दर लगातार अनुमानों से बेहतर रही है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • चीन की GDP वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 5.2% बढ़ी, जबकि अनुमान 4.5% था।
  • अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बावजूद चीन का ASEAN और यूरोप के साथ व्यापार बढ़ा है।
  • चीन की अर्थव्यवस्था अब अमेरिका की तुलना में केवल 64% रह गई है, जबकि 2021 में यह 75% थी।
  • चीन की राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की डेटा विश्वसनीयता पर अब भी सवाल उठते हैं, लेकिन हाल के अध्ययनों ने उसे संतुलित बताया है।

चीन की अर्थव्यवस्था अभी कई मोर्चों पर दबाव में है, लेकिन कुछ प्रमुख संकेतक इसके लचीलेपन की ओर इशारा कर रहे हैं। डिफ्लेशन और बेरोजगारी जैसे आंतरिक संकटों के बीच भी निर्यात और औद्योगिक उत्पादन में मजबूती चीन के लिए राहत का संकेत है। हालांकि लंबी अवधि की स्थिरता के लिए चीन को घरेलू मांग और संरचनात्मक संतुलन पर विशेष ध्यान देना होगा।

Originally written on July 18, 2025 and last modified on July 18, 2025.

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