चीन की मुद्रा रणनीति: अमेरिकी डॉलर की वैश्विक प्रभुता को चुनौती देता रेनमिन्बी

वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में बदलाव की कोशिशों के तहत चीन ने अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करने और रेनमिन्बी (RMB) को बहु-मुद्रा प्रणाली (multi-currency system) का एक मजबूत विकल्प बनाने की अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। हाल ही में शंघाई में आयोजित Lujiazui Forum में चीन के केंद्रीय बैंक (People’s Bank of China) के गवर्नर पैन गोंगशेंग ने इस दिशा में कई महत्त्वपूर्ण बातें कही हैं।
वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में बदलाव का आह्वान
पैन ने कहा कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली अब एक ऐसी संरचना की ओर बढ़ रही है जिसमें कई संप्रभु मुद्राएं समानांतर रूप से मौजूद हों और एक-दूसरे को संतुलित करें। उन्होंने एकल मुद्रा (डॉलर) पर अत्यधिक निर्भरता को व्यवस्थागत जोखिम और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का स्रोत बताया।
उन्होंने रेनमिन्बी की बढ़ती भूमिका की ओर इशारा किया, जो अब व्यापार वित्त में दूसरी और वैश्विक भुगतान में तीसरी सबसे बड़ी मुद्रा बन गई है।
रेनमिन्बी की वृद्धि: 2008 के बाद का परिदृश्य
2008 की वैश्विक मंदी के बाद से चीन ने अपनी मुद्रा को वैश्विक व्यापार में अधिक उपयोगी बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं। विशेष रूप से एशिया और विकासशील देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में रेनमिन्बी का उपयोग बढ़ा है।
डिजिटल मुद्रा और भुगतान अवसंरचना
चीन डिजिटल भुगतान तकनीक, विशेष रूप से Central Bank Digital Currency (CBDC) का उपयोग कर डॉलर-आधारित अवसंरचना को पुराना बताते हुए उससे बाहर निकलने की दिशा में काम कर रहा है। इसका उद्देश्य तेज, सस्ता और अधिक स्वायत्त भुगतान नेटवर्क तैयार करना है।
क्षेत्रीय व्यापार में रेनमिन्बी का प्रयोग
- चीन ने रूस, ईरान जैसे देशों के साथ रेनमिन्बी में व्यापार समझौते किए हैं।
- छोटे चीनी बैंकों के माध्यम से इन लेनदेन को संसाधित किया जाता है ताकि अमेरिकी प्रतिबंधों से बचा जा सके।
रेनमिन्बी के वैश्वीकरण की चुनौतियाँ
- पूंजी नियंत्रण (Capital Controls): चीन की मुद्रा को वैश्विक स्तर पर पूरी तरह स्वतंत्र रूप से उपयोग करना कठिन बनाता है।
- व्यापार अधिशेष: विदेशों में भेजी गई रेनमिन्बी आमतौर पर जल्द ही चीन में वस्तुओं की खरीद या ऋण चुकाने के लिए वापस आ जाती है।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए चीन Qualified Domestic Institutional Investor (QDII) योजना का विस्तार कर रहा है, जिससे घरेलू निवेशकों को विदेशी संपत्तियों में निवेश की अनुमति मिले।
वित्तीय सहयोग और रणनीतिक समझौते
- हांगकांग और शंघाई ने रेनमिन्बी आधारित परिसंपत्तियों के प्रबंधन में क्रॉस-बॉर्डर सहयोग को बढ़ाने हेतु समझौते किए हैं।
- चीन IMF के Special Drawing Rights (SDRs) को भी सुदृढ़ करना चाहता है ताकि वैश्विक मुद्रा व्यवस्था किसी एक देश की मुद्रा पर निर्भर न रहे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- रेनमिन्बी (RMB): चीन की आधिकारिक मुद्रा; युआन इसकी इकाई है।
- IMF के SDRs: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक आभासी मुद्रा, जिसमें कई मुद्राओं का भार होता है (USD, EUR, CNY, JPY, GBP)।
- CBDC: केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा, डिजिटल रूप में जारी की गई वैध मुद्रा।
- QDII योजना: चीन की एक निवेश नीति जिससे घरेलू संस्थाएं विदेशी संपत्तियों में निवेश कर सकती हैं।
चीन का यह कदम केवल आर्थिक नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और भू-राजनीतिक पहल भी है। वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देने की दिशा में यह दीर्घकालिक प्रयास है, जिसमें चीन ‘वैश्वीकरण’ के बजाय ‘क्षेत्रीयकरण’ पर अधिक जोर दे रहा है। अगर यह रणनीति सफल होती है, तो आने वाले दशकों में वैश्विक वित्तीय शक्ति संतुलन में बड़ा परिवर्तन संभव है।