चीन का व्यापार अधिशेष पहली बार $1 ट्रिलियन पार
चीन ने नवंबर 2025 के अंत तक $1.08 ट्रिलियन का ऐतिहासिक व्यापार अधिशेष दर्ज किया है — यह देश के लिए पहली बार है कि वार्षिक अधिशेष इस आंकड़े को पार कर गया है। अमेरिका को होने वाले निर्यात में गिरावट के बावजूद अन्य वैश्विक बाजारों से निरंतर मांग ने इस रिकॉर्ड को संभव बनाया। यह उपलब्धि वैश्विक व्यापार संतुलन और राजनीतिक भूगोल में एक नया संकेतक बनकर उभरी है।
व्यापार संरचना में बदलाव के बीच रिकॉर्ड अधिशेष
चीन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष के पहले 11 महीनों में देश का व्यापार अधिशेष $1.08 ट्रिलियन तक पहुँच गया, जो पिछले पूरे वर्ष के कुल से अधिक है। यह उछाल अमेरिका और चीन के बीच अक्टूबर के अंत में हुए उच्चस्तरीय शिखर सम्मेलन के बाद टैरिफ बढ़ोतरी पर अस्थायी विराम के चलते हुआ। इस “ट्रेड ट्रूस” (व्यापार विराम) ने निर्यातकों को कुछ समय के लिए स्थिरता प्रदान की।
अमेरिका को निर्यात में गिरावट, लेकिन वैश्विक मांग में वृद्धि
टैरिफ विराम के बावजूद, अमेरिका को चीन के निर्यात में गिरावट जारी रही। नवंबर में अमेरिका को निर्यात 28.6% गिरकर $33.8 बिलियन पर पहुँच गया। इसके विपरीत, अन्य बाजारों से मांग में बढ़ोतरी ने चीन के कुल निर्यात को 5.9% वर्ष-दर-वर्ष बढ़ा दिया, जो कि ब्लूमबर्ग के अनुमानों से भी अधिक था।
विश्लेषकों का कहना है कि घरेलू मूल्य गिरावट (deflation) के चलते चीन की कीमतों में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी, जिससे निर्यात में मजबूती आई।
यूरोपीय चिंताएँ और चीन की घरेलू चुनौतियाँ
चीन के बढ़ते वैश्विक अधिशेष ने यूरोप में चिंता पैदा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी कि अगर चीन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार असंतुलन कम नहीं हुआ तो यूरोपीय संघ टैरिफ लगा सकता है।
वहीं चीन की घरेलू अर्थव्यवस्था दबाव में है। नवंबर में चीन का आयात केवल 1.9% बढ़ा, जो अपेक्षाओं से काफी कम रहा। यह खासतौर पर रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग की कमी को दर्शाता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- चीन का व्यापार अधिशेष नवंबर तक पहली बार $1 ट्रिलियन पार कर $1.08 ट्रिलियन पर पहुँच गया।
- कुल निर्यात में सालाना 5.9% की वृद्धि हुई, जबकि अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गई थी।
- अमेरिका को निर्यात नवंबर में 28.6% घटकर $33.8 बिलियन रहा।
- आयात में वृद्धि केवल 1.9% रही, जो घरेलू मांग में कमजोरी का संकेत है।
भविष्य की दिशा और व्यापार विराम की अनिश्चितता
विशेषज्ञों ने चेताया है कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ ट्रूस 2026 के अंत तक समाप्त होने वाला है और यह संभव है कि राजनीतिक और वैश्विक परिस्थितियों के चलते यह टिक न पाए। वित्तीय संस्थान अगले वर्ष वैश्विक मांग में कमी की आशंका जता रहे हैं। चीन के लिए यह एक नाज़ुक समय है, जहाँ उसे विकास लक्ष्यों और व्यापार संबंधों के बीच संतुलन साधना होगा।
चीन का यह रिकॉर्ड व्यापार अधिशेष न केवल उसकी विनिर्माण और निर्यात क्षमता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक आर्थिक संतुलन पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।