चिली के अटाकामा रेगिस्तान की “पाटा डी गुआनाको” से सूखा-रोधी खेती की नई उम्मीद

दुनिया का सबसे शुष्क रेगिस्तान माने जाने वाले चिली के अटाकामा में वैज्ञानिक एक छोटे लेकिन अत्यंत सहनशील फूल “पाटा डी गुआनाको” (Cistanthe longiscapa) का अध्ययन कर रहे हैं। यह फूल अत्यधिक जलवायु परिस्थितियों और पानी की बेहद कमी के बावजूद खिलता है, और इसके अद्वितीय अनुवांशिक गुण अब भविष्य की कृषि के लिए आशा की किरण बन सकते हैं।
सूखे में खिलता फूल: जीवन की अनोखी मिसाल
“पाटा डी गुआनाको” रेगिस्तान में तभी खिलता है जब वहां दुर्लभ वर्षा होती है। उस समय पूरा अटाकामा क्षेत्र रंग-बिरंगे फूलों की चादर से ढक जाता है, जिसे “फूलता हुआ रेगिस्तान” (Flowering Desert) कहा जाता है। चिली की आंद्रेस बेलो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इस फूल के अनुवांशिक गुणों की जांच कर रहे हैं ताकि इसके सूखा-रोधी लक्षणों को अन्य फसलों में स्थानांतरित किया जा सके।
जलवायु परिवर्तन और कृषि पर बढ़ता संकट
चिली पहले से ही जल संकट का सामना कर रहा है और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट ने इसे विश्व के सर्वाधिक जल-संकटग्रस्त देशों में शामिल किया है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2050 तक चिली की उपजाऊ सेंट्रल वैली में भीषण सूखे की स्थिति बन सकती है। यह क्षेत्र देश की कृषि निर्यात – जैसे कि वाइन, फल और पशुपालन – के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पाटा डी गुआनाको की अनोखी जैविक रणनीति
इस फूल की सबसे उल्लेखनीय विशेषता इसकी प्रकाश संश्लेषण प्रणाली में लचीलापन है। सामान्य परिस्थितियों में यह C3 प्रकार की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया अपनाता है, लेकिन जब सूखा, तीव्र सूर्यप्रकाश या लवणता जैसी चुनौतियाँ सामने आती हैं, तो यह CAM प्रकाश संश्लेषण विधि को सक्रिय कर देता है जो पानी की खपत को कम करता है। यही लचीलापन इसे चरम पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी जीवित रखता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अटाकामा रेगिस्तान विश्व का सबसे शुष्क स्थल है, जहां कुछ स्थानों पर वर्षों तक बारिश नहीं होती।
- CAM (Crassulacean Acid Metabolism) प्रकाश संश्लेषण प्रणाली रात में CO₂ ग्रहण करके पानी की खपत को कम करती है।
- चिली की सेंट्रल वैली क्षेत्र कृषि उत्पादन के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से वाइन और फलों के लिए।
- Cistanthe longiscapa स्थानीय जैव विविधता का हिस्सा है और इसके फूल खिलने पर पर्यटकों की भीड़ अटाकामा की ओर खिंचती है।