चार साल बाद काज़ीरंगा में लौटे ‘पेंटेड स्टॉर्क’: प्रकृति संरक्षण की नई सफलता कहानी

असम के काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व (Kaziranga National Park and Tiger Reserve – KNPTR) में चार साल बाद एक दुर्लभ दृश्य देखने को मिला है — पेंटेड स्टॉर्क (Painted Stork) पक्षियों की जोड़ी फिर से यहाँ दिखाई दी है। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा ‘निकट संकटग्रस्त प्रजाति (Near Threatened Species)’ के रूप में सूचीबद्ध यह पक्षी अब फिर से काज़ीरंगा की आकाश रेखा को अपनी उड़ान से सजा रहा है।
प्रवासी पक्षियों के आगमन संग लौटा पुराना मेहमान
यह दुर्लभ दृश्य शुक्रवार को दर्ज किया गया, जो काज़ीरंगा के पक्षीविज्ञान (ornithology) के रिकॉर्ड में एक महत्वपूर्ण जुड़ाव है। यह वही समय है जब सर्दी की शुरुआत के साथ प्रवासी पक्षी उत्तर भारत के जलाशयों में पहुँचने लगते हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर इस खबर को साझा करते हुए लिखा —“चार साल बाद काज़ीरंगा ने अपने पुराने मेहमान का स्वागत किया है। सुंदर पेंटेड स्टॉर्क अब फिर से हमारे जलक्षेत्रों के ऊपर उड़ान भर रहे हैं — यह इस बात का प्रमाण है कि जब हम प्रकृति की रक्षा करते हैं, तो वह स्वयं को पुनर्जीवित कर लेती है।”
पेंटेड स्टॉर्क: रंगों और सादगी का संगम
पेंटेड स्टॉर्क, जिसका वैज्ञानिक नाम Mycteria leucocephala है, सारस परिवार ‘Ciconiidae’ से संबंधित है। इसकी पहचान इसके मनमोहक गुलाबी-गुलाब (rose pink) पंखों, काले-सफेद पैटर्न और लंबे पीले-नारंगी चोंच से होती है। यह जलाशयों, दलदली इलाकों और नदी तटों के पास रहना पसंद करता है, जहाँ यह मुख्यतः मछलियों पर निर्भर रहता है।
जनसंख्या में गिरावट और संरक्षण की चुनौती
काज़ीरंगा फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष के अनुसार, यह प्रजाति कभी भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया में आम थी, लेकिन अब इसकी संख्या लगातार घट रही है।उन्होंने बताया, “इनकी घटती आबादी के पीछे मुख्य कारण हैं — आवास हानि, दलदली क्षेत्रों का क्षरण, और प्रजनन स्थलों में मानव हस्तक्षेप।”पेंटेड स्टॉर्क की पहली दर्ज उपस्थिति काज़ीरंगा में 2004 और 2005 में हुई थी, फिर 2022 में यह पक्षी वार्षिक प्रवासी पक्षी गणना के दौरान देखा गया था।
जैव विविधता का प्रतीक और संरक्षण की उम्मीद
काज़ीरंगा हर साल अक्टूबर से प्रवासी जलपक्षियों और वॉडर्स (waders) का आश्रय स्थल बन जाता है, जिससे यह भारत के सबसे समृद्ध बर्डिंग लैंडस्केप्स में से एक है। सोनाली घोष का कहना है, “पेंटेड स्टॉर्क का लौटना यह दर्शाता है कि काज़ीरंगा आज भी स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय है।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पेंटेड स्टॉर्क का वैज्ञानिक नाम Mycteria leucocephala है।
- यह प्रजाति IUCN Red List में Near Threatened श्रेणी में शामिल है।
- भारत में इनका प्रमुख आवास राजस्थान, उत्तर प्रदेश, असम और तमिलनाडु के दलदली क्षेत्र हैं।
- काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को UNESCO विश्व धरोहर स्थल का दर्जा 1985 में मिला था।