चार दशक बाद सेवा से मुक्त हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुघोष
भारतीय नौसेना की पारंपरिक पनडुब्बी शक्ति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ, जब आईएनएस सिंधुघोष को चार दशकों की विशिष्ट सेवा के बाद नौसेना से औपचारिक रूप से सेवा मुक्त कर दिया गया। यह समारोह मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित किया गया, जो समुद्री सुरक्षा में पनडुब्बी के दीर्घकालीन योगदान को स्मरण करने का अवसर बना।
मुंबई नौसेना डॉकयार्ड में सेवा निवृत्ति समारोह
सेवा निवृत्ति समारोह पश्चिमी नौसेना कमान के ध्वज अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ कृष्णा स्वामीनाथन की उपस्थिति में संपन्न हुआ। नौसेना कमान ने बताया कि आईएनएस सिंधुघोष को 19 दिसंबर 2025 को सूर्यास्त के समय औपचारिक रूप से सेवा से मुक्त किया गया। पनडुब्बी ने भारतीय नौसेना में 40 वर्षों तक सक्रिय सेवा दी, जो किसी भी युद्धपोत के लिए एक उल्लेखनीय अवधि मानी जाती है।
नेतृत्व और विशिष्ट उपस्थिति
आईएनएस सिंधुघोष को लेफ्टिनेंट कमांडर रजत शर्मा के नेतृत्व में औपचारिक रूप से ‘पे-ऑफ’ किया गया। इस अवसर पर पनडुब्बी के दूसरे कमांडिंग ऑफिसर रहे कैप्टन के. आर. अजरेकर (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल वी. एस. शेखावत (सेवानिवृत्त), पूर्व कमांडिंग ऑफिसर, कमीशनिंग क्रू के सदस्य और कई वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी भी शामिल हुए।
आईएनएस सिंधुघोष की परिचालन विरासत
1980 के दशक के मध्य में कमीशन की गई आईएनएस सिंधुघोष ने भारत की अंडरवॉटर वॉरफेयर क्षमता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। यह अपनी श्रेणी की अग्रणी पनडुब्बी थी, जिसने परिचालन मानक स्थापित किए और गश्त, प्रशिक्षण तथा प्रतिरोधक अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अपने लंबे सेवाकाल के दौरान इस पनडुब्बी ने भारत के समुद्री हित क्षेत्रों में कई रणनीतिक मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
भारतीय पनडुब्बी बेड़े में संक्रमण का संकेत
आईएनएस सिंधुघोष की सेवा निवृत्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारतीय नौसेना अपने पनडुब्बी बेड़े को आधुनिक और अधिक सक्षम प्लेटफॉर्म्स की ओर स्थानांतरित कर रही है। दशकों तक सेवा देने वाली पुरानी पनडुब्बियों को चरणबद्ध तरीके से हटाते हुए नौसेना नई तकनीक, उन्नत क्षमताओं और जीवन-चक्र प्रबंधन पर जोर दे रही है, ताकि समुद्री सुरक्षा और परिचालन तत्परता बनी रहे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आईएनएस सिंधुघोष भारतीय नौसेना में अपनी श्रेणी की अग्रणी पनडुब्बी थी।
- पश्चिमी नौसेना कमान का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
- पनडुब्बी की सेवा निवृत्ति सक्रिय नौसैनिक सेवा से औपचारिक हटाने की प्रक्रिया होती है।
- वाइस एडमिरल भारतीय नौसेना का तीन सितारा रैंक होता है।
कुल मिलाकर, आईएनएस सिंधुघोष की सेवा निवृत्ति भारतीय नौसेना के लिए गौरवपूर्ण विरासत और भविष्य की आधुनिक समुद्री रणनीति के बीच एक सेतु के रूप में देखी जा रही है। यह पनडुब्बी आने वाली पीढ़ियों के लिए समर्पण, अनुशासन और समुद्री शक्ति का प्रेरक प्रतीक बनी रहेगी।