चक्रवात बकुंग का दक्षिण भारत पर अप्रत्यक्ष असर: सर्द हवाओं से मौसम में बदलाव

चक्रवात बकुंग का दक्षिण भारत पर अप्रत्यक्ष असर: सर्द हवाओं से मौसम में बदलाव

भारतीय महासागर में सक्रिय हो रहा चक्रवात बकुंग (Cyclone Bakung) दक्षिण भारत में अप्रत्याशित मौसमीय बदलाव ला रहा है। हालाँकि यह चक्रवात भारत के तट से नहीं टकराएगा, लेकिन इसके चलते दक्षिणी राज्यों में ठंडी उत्तर-पूर्वी हवाएँ चल रही हैं, जिससे सामान्य से अधिक ठंड का अनुभव हो रहा है। दिसंबर के मध्य में इस तरह की सर्द हवाएँ और गिरते तापमान ने मौसम वैज्ञानिकों और नागरिकों दोनों को चौंका दिया है।

चक्रवात बकुंग का गठन दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर में हुआ है और यह इंडोनेशियाई क्षेत्र से दूर की ओर बढ़ रहा है। मौसम विज्ञान एजेंसियों के अनुसार, इस प्रणाली की गति में लगातार तेजी आ रही है और 60 किमी प्रति घंटे से अधिक की हवाएँ रिकॉर्ड की गई हैं। हालांकि यह प्रणाली समुद्र में ही बनी रहेगी और आने वाले दिनों में इसके कमजोर होने की संभावना है।

वायुमंडलीय दबाव प्रणाली और बदलते पवन चक्रों के कारण यह चक्रवात समुद्र के पास के क्षेत्रों के मौसम को प्रभावित कर रहा है।

हालांकि चक्रवात बकुंग भारत से दूर है, लेकिन इसकी वजह से उत्तर-पूर्वी ठंडी हवाएँ तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में प्रवेश कर रही हैं। 10 से 12 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही ये हवाएँ दिन और रात के तापमान को गिरा रही हैं, विशेष रूप से तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में।

  • आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें सामान्य से ऊँची देखी जा रही हैं।
  • कर्नाटक और तमिलनाडु के आंतरिक क्षेत्रों में रात और सुबह के समय सामान्य से अधिक ठंड महसूस हो रही है।

बेंगलुरु जैसे शहरों में न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। यह ठंडा मौसम करीब एक सप्ताह तक बना रह सकता है। ठंडी हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता में भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ बढ़ रही हैं।

मौसम विभाग ने लोगों को विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है, ताकि लंबे समय तक ठंडी हवा के संपर्क से बचा जा सके।

मौसम विभाग ने दक्षिण तमिलनाडु तट, मन्नार की खाड़ी और आस-पास के समुद्री क्षेत्रों में तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। हालांकि व्यापक वर्षा की संभावना कम है, फिर भी संबंधित विभाग हालात पर निगरानी बनाए हुए हैं।

चक्रवात बकुंग का यह अप्रत्यक्ष प्रभाव दक्षिण भारत के मौसम में असामान्य बदलाव ला रहा है, जिससे आने वाले दिनों में और भी सतर्कता की आवश्यकता है।

Originally written on December 14, 2025 and last modified on December 14, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *