चक्रवात ‘दित्वाह’ से प्रभावित श्रीलंका के लिए भारत का राहत अभियान : ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ शुरू
चक्रवात ‘दित्वाह’ (Ditwah) से उत्पन्न बाढ़ और भूस्खलनों ने श्रीलंका के कई प्रांतों में व्यापक तबाही मचाई है। इन परिस्थितियों में भारत ने मानवीय सहायता के रूप में ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत एक बड़ा राहत अभियान शुरू किया है। भारत की वायुसेना और नौसेना दोनों ने राहत सामग्री भेजकर आपदा से जूझ रहे श्रीलंका को त्वरित सहायता प्रदान की है।
वायुसेना द्वारा आपात राहत सामग्री की आपूर्ति
शनिवार सुबह भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान कोलंबो के बंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा, जिसमें लगभग 12 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई। इस कार्गो में तंबू, कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट और तैयार भोजन शामिल थे, जिन्हें बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से विस्थापित परिवारों के लिए भेजा गया। भारतीय उच्चायोग और श्रीलंका वायुसेना के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से इन सामग्रियों का वितरण सुनिश्चित किया।
भारतीय नौसेना की त्वरित सहायता
राहत अभियान की शुरुआत शुक्रवार को हुई जब आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी ने कोलंबो बंदरगाह पर राहत सामग्रियों की पहली खेप पहुंचाई। ये नौसैनिक पोत भारत की स्थापित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) रूपरेखा के अंतर्गत सक्रिय किए गए, जिससे संकटग्रस्त पड़ोसी देशों को शीघ्र सहायता प्रदान की जा सके। भारत की इस तत्परता ने एक बार फिर क्षेत्रीय सहयोग और मानवीय मूल्यों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह का असर
चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में भारी वर्षा, जलाशयों के उफान और भूस्खलनों को जन्म दिया, जिससे कई जिलों में व्यापक विनाश हुआ है। अनेक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि कई अब भी लापता हैं। हजारों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति तथा यातायात मार्ग गंभीर रूप से बाधित हुए हैं। प्रशासन ने अभी भी भारी वर्षा और नदियों में जलस्तर बढ़ने की चेतावनी जारी रखी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ भारत का मानवीय मिशन है, जिसका उद्देश्य आपदा-ग्रस्त श्रीलंका को सहायता प्रदान करना है।
- सी-130जे विमान द्वारा लगभग 12 टन राहत सामग्री कोलंबो पहुंचाई गई।
- आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी ने राहत सामग्री की पहली खेप भेजी।
- यह मिशन भारत की ‘Neighbourhood First’ नीति और ‘विजन महासागर’ (Vision MAHASAGAR) का प्रतीक है।
भारत ने श्रीलंका की स्थिति पर संवेदना व्यक्त करते हुए यह आश्वासन दिया है कि आवश्यकता पड़ने पर और सहायता भेजी जाएगी। वायु और नौसैनिक संसाधनों की तेज़ तैनाती ने भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में एक विश्वसनीय प्रथम प्रत्युत्तरदाता (First Responder) के रूप में स्थापित किया है। यह राहत अभियान न केवल आपसी सहयोग की मिसाल है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी सशक्त रूप से रेखांकित करता है।