चक्रवात ‘दित्वाह’ के बाद श्रीलंका में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित : भारत ने बढ़ाई राहत सहायता
चक्रवात ‘दित्वाह’ (Ditwah) से हुई भारी तबाही के बाद श्रीलंका ने देशभर में राष्ट्रीय आपातकाल (State of Emergency) घोषित कर दिया है। इस चक्रवात ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों विस्थापित हुए और कई जिलों में बुनियादी ढांचे को गंभीर क्षति पहुँची है। सरकार अब राहत समन्वय, बचाव अभियानों और चिकित्सा सहायता को तेज़ी से संचालित करने पर केंद्रित है।
राष्ट्रव्यापी आपातकालीन कदम
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके ने आपातकालीन नियम लागू करते हुए सेना, पुलिस, स्वास्थ्यकर्मियों और नागरिक रक्षा बलों की तैनाती को तेज़ करने के निर्देश दिए हैं। विपक्षी दलों और चिकित्सा संगठनों द्वारा तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की मांग के बाद यह निर्णय लिया गया। इन प्रावधानों के तहत प्रभावित जिलों में आपदा प्रबंधन के लिए तेज़ निर्णय प्रक्रिया और समन्वित राहत कार्य सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
भारत की मदद : ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ का विस्तार
भारत ने अपने मानवीय राहत मिशन ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को सहायता और तेज़ कर दी है। शनिवार को दो सैन्य परिवहन विमानों ने 21 टन राहत सामग्री पहुंचाई, जबकि इससे पहले 6 टन आपूर्ति समुद्री मार्ग से भेजी गई थी। कुल मिलाकर 27 टन राहत सामग्री अब तक प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा, भारत ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की दो टीमों (कुल 80 सदस्य) को बचाव कार्यों के लिए तैनात किया है, जबकि आईएनएस विक्रांत से तैनात चेतक हेलीकॉप्टरों ने हवाई बचाव कार्यों में भाग लिया।
फंसे यात्रियों और बाधित सेवाओं के लिए सहायता
चक्रवात के कारण श्रीलंका में उड़ान सेवाएँ बाधित हो गई हैं, जिससे कोलंबो हवाईअड्डे पर सैकड़ों यात्री फँसे हुए हैं। भारतीय उच्चायोग ने बंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू की है ताकि भारतीय नागरिकों को सहायता प्रदान की जा सके। इस दौरान भोजन, पानी और आवश्यक वस्तुओं का वितरण भी किया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- चक्रवात ‘दित्वाह’ से अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत और 130 से ज्यादा लापता होने की पुष्टि हुई है।
- भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत करीब 27 टन राहत सामग्री श्रीलंका भेजी है।
- दो एनडीआरएफ टीमों और चेतक हेलीकॉप्टरों को बचाव अभियानों में तैनात किया गया है।
- श्रीलंका ने राहत समन्वय और सैनिक तैनाती को तेज़ करने के लिए राष्ट्रव्यापी आपातकाल घोषित किया है।
मौसम पूर्वानुमान और आगे की स्थिति
चक्रवात दित्वाह शनिवार को श्रीलंका से निकलकर भारत के दक्षिणी तट की ओर बढ़ गया है, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव जैसे भारी वर्षा और तेज़ हवाएँ अभी भी जारी हैं। कई क्षेत्रों में संचार व्यवस्था ठप है, जिससे वास्तविक नुकसान का आकलन कठिन हो गया है। प्रशासन का अनुमान है कि जैसे-जैसे स्थिति स्पष्ट होगी, हानि और जनहानि के आँकड़े और बढ़ सकते हैं।