ग्लोबल वायरस नेटवर्क में तीन नए उत्कृष्टता केंद्र शामिल

ग्लोबल वायरस नेटवर्क में तीन नए उत्कृष्टता केंद्र शामिल

ग्लोबल वायरस नेटवर्क (GVN) ने हाल ही में अमेरिका महाद्वीप के तीन प्रमुख संस्थानों को अपने उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में शामिल कर अपनी वैश्विक क्षमताओं में विस्तार किया है। इस पहल का उद्देश्य उभरते वायरल खतरों से प्रभावी ढंग से निपटना और वैश्विक महामारी तैयारियों को सशक्त बनाना है। इसमें अमेरिका, ब्राजील और कनाडा के प्रतिष्ठित संस्थानों को जोड़ा गया है जो विभिन्न विषाणुओं पर अत्याधुनिक शोध कर रहे हैं।

अमेरिका: यूएसएफ हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी एंड इनोवेशन

फ्लोरिडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा (USF) का यह नया संस्थान डॉ. रॉबर्ट सी. गैलो के नेतृत्व में कार्यरत है। यह केंद्र कैंसर, प्रतिरक्षा रोगों और पुरानी बीमारियों से जुड़े विषाणुओं पर शोध करता है, जिसमें HIV, HTLV-1, और HPV जैसे वायरस प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त, मच्छर जनित वायरस जैसे डेंगू और जीका पर भी अनुसंधान का विस्तार किया जा रहा है। यह संस्थान GVN के मुख्यालय के समीप स्थित है, जिससे वैज्ञानिक नवाचार, शिक्षा और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिलता है।

ब्राज़ील: यूनिफैस्प का सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग

साओ पाउलो की फेडरल यूनिवर्सिटी (UNIFESP) का यह विभाग लैटिन अमेरिका में वायरल शोध का केंद्र माना जाता है। इसकी भूमिका HIV/AIDS संकट और कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। अत्याधुनिक BSL-2 और BSL-3 प्रयोगशालाओं से सुसज्जित यह संस्थान डेंगू, चिकनगुनिया और मंकीपॉक्स जैसे वायरस पर गहन शोध कर रहा है। डॉ. लुइज़ मारियो रामोस जानीनी के नेतृत्व में यह केंद्र ब्राजील की क्षेत्रीय विशेषज्ञता को वैश्विक नेटवर्क से जोड़ता है।

कनाडा: वेस्टर्न यूनिवर्सिटी का पैथोजन रिसर्च सेंटर (PaRC)

कनाडा के वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में स्थित PaRC, वायरल रोगजनन की गहन समझ और नवीन उपचार रणनीतियों के विकास में संलग्न है। यह केंद्र वायरस के प्रसार के यथार्थ मॉडलिंग के लिए प्रसिद्ध MiTra प्रणाली का उपयोग करता है, जिससे हवाई वायरस संक्रमण के व्यवहार का अध्ययन संभव होता है। डॉ. एरिक आर्ट्स, डॉ. मिगुएल क्यूइनोनेस-मैट्यू और अन्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में, यह संस्थान महामारी प्रतिक्रिया और वैक्सीन विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GVN की स्थापना वर्ष 2011 में वैश्विक वायरल रोगों के समाधान के लिए की गई थी।
  • डॉ. रॉबर्ट सी. गैलो वही वैज्ञानिक हैं जिन्होंने HIV वायरस की सह-खोज की थी।
  • UNIFESP का सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग ब्राजील में वायरल शोध का प्रमुख केंद्र है जिसकी स्थापना 1930 के दशक में हुई थी।
  • PaRC का MiTra प्लेटफॉर्म विश्व के कुछ गिने-चुने प्रयोगशालाओं में से है जो वायरस के वास्तविक प्रसार पर अनुसंधान करता है।

GVN द्वारा इन तीन संस्थानों को जोड़ना वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इन केंद्रों की विशेषज्ञता न केवल विषाणुओं की पहचान और निगरानी में उपयोगी है, बल्कि इससे उपचार और वैक्सीन विकास की प्रक्रिया भी तेज होती है। इसके साथ ही, यह नेटवर्क अगली पीढ़ी के वायरोलॉजिस्ट को प्रशिक्षित कर वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में दीर्घकालिक योगदान सुनिश्चित करता है।

Originally written on November 1, 2025 and last modified on November 1, 2025.

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