ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025: दुनिया की शीर्ष सैन्य शक्तियाँ

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025: दुनिया की शीर्ष सैन्य शक्तियाँ

विश्व की सैन्य क्षमताओं की तुलना के लिए ग्लोबल फायरपावर (GFP) इंडेक्स 2025 एक व्यापक और विश्वसनीय मानक के रूप में सामने आया है। यह रैंकिंग 60 से अधिक व्यक्तिगत कारकों पर आधारित होती है, जैसे कि सैन्य जनशक्ति, रक्षा बजट, लॉजिस्टिक्स, प्राकृतिक संसाधन और रणनीतिक पहुँच। इस सूचकांक में जितना कम Power Index (PwrIndx) स्कोर होता है, वह देश उतना ही शक्तिशाली माना जाता है। 2025 की रैंकिंग वैश्विक शक्ति संतुलन, आधुनिकीकरण और रक्षा निवेशों के नए स्वरूप को दर्शाती है।

अमेरिका: निर्विवाद वैश्विक सैन्य नेतृत्व

2025 में भी संयुक्त राज्य अमेरिका ने विश्व की सबसे शक्तिशाली सेना का स्थान बनाए रखा है। इसका मुख्य कारण है उसका विशाल रक्षा बजट जो $860 बिलियन से अधिक है, साथ ही अत्याधुनिक सैन्य तकनीक और वैश्विक स्तर पर फैले सैन्य अड्डों का जाल। एफ-35 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बियाँ, और अंतरिक्ष आधारित सुरक्षा प्रणाली जैसे संसाधनों से अमेरिका की शक्ति अजेय बनी हुई है।

रूस: परमाणु शक्ति और पारंपरिक सैन्य बल का संगम

हालाँकि रूस आर्थिक प्रतिबंधों और दीर्घकालिक संघर्षों के चलते चुनौतियों का सामना कर रहा है, फिर भी वह दूसरे स्थान पर बना हुआ है। इसके पास दुनिया की सबसे बड़ी टैंक फोर्स, तोपखाने और परमाणु हथियारों का विशाल भंडार है। S-500 वायु रक्षा प्रणाली और हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रमों का विस्तार इसे यूरेशिया क्षेत्र में एक प्रभावशाली सैन्य शक्ति बनाता है।

चीन: तकनीकी आधुनिकीकरण और वैश्विक विस्तार

चीन और रूस समान स्तर पर आंके गए हैं, जो चीन की तीव्र सैन्य आधुनिकीकरण प्रक्रिया और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने तकनीक आधारित युद्ध प्रणाली, साइबर क्षमताओं और नौसेना शक्ति को प्राथमिकता दी है। दुनिया की सबसे बड़ी स्थायी सेना और एक विस्तारशील नौसेना के बल पर चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पश्चिमी प्रभाव को चुनौती दे रहा है।

भारत: आत्मनिर्भरता के साथ क्षेत्रीय शक्ति

भारत 2025 में चौथे स्थान पर बना हुआ है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान और घरेलू रक्षा उत्पादन पर जोर ने इसे मजबूती दी है। भारतीय सशस्त्र बलों के पास विशाल जनशक्ति, आधुनिक लड़ाकू विमान, युद्धपोत, और एक विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोधक क्षमता है। तेजस एमके1ए, अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियाँ और ब्रह्मोस मिसाइल जैसे स्वदेशी प्रोजेक्ट भारत की सैन्य नवाचार क्षमताओं को रेखांकित करते हैं।

दक्षिण कोरिया: पूर्वी एशिया की उभरती शक्ति

दक्षिण कोरिया ने पाँचवां स्थान हासिल कर पूर्वी एशिया में अपनी सैन्य श्रेष्ठता को सिद्ध किया है। मिसाइल रक्षा प्रणाली, स्टेल्थ तकनीक और नौसैनिक आधुनिकीकरण में निरंतर निवेश ने इसे उत्तर कोरिया के खिलाफ एक सशक्त प्रतिरोधक बनाया है। अमेरिका के साथ रक्षा साझेदारी और घरेलू रक्षा उद्योग में वृद्धि ने दक्षिण कोरिया को क्षेत्रीय नेतृत्व प्रदान किया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में कुल 145 देशों की सैन्य क्षमता का आकलन किया जाता है।
  • Power Index स्कोर 0.000 का मतलब सर्वोच्च शक्ति है; जितना कम स्कोर, उतनी अधिक शक्ति।
  • भारत का रक्षा बजट लगभग ₹6 लाख करोड़ के पार पहुँच गया है।
  • चीन की नौसेना अब जहाजों की संख्या के लिहाज़ से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन चुकी है।

दुनिया की सैन्य शक्तियों की यह रैंकिंग केवल सैन्य हार्डवेयर और बजट पर आधारित नहीं है, बल्कि यह रणनीतिक सोच, तकनीकी नवाचार और वैश्विक पहुँच की भी प्रतीक है। अमेरिका की अग्रणी स्थिति स्थिर है, लेकिन रूस, चीन, भारत और दक्षिण कोरिया जैसे देश अपनी-अपनी विशेषताओं के बल पर तेजी से अंतरराष्ट्रीय सैन्य संतुलन को प्रभावित कर रहे हैं।

Originally written on October 30, 2025 and last modified on October 30, 2025.

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