ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025: शांतिपूर्ण देशों की सूची में भारत की स्थिति और वैश्विक परिदृश्य

जब पूरी दुनिया राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध, आतंकवाद और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है, ऐसे समय में इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा जारी ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) 2025 शांति की एक उम्मीद की किरण लेकर आया है। यह रिपोर्ट उन देशों को पहचानती है जो वैश्विक अस्थिरता के बीच भी शांति, सामाजिक विश्वास और संतुलित शासन के जरिए अपने नागरिकों को सुरक्षित वातावरण देने में सफल रहे हैं।
शीर्ष 10 सबसे शांतिपूर्ण देश 2025
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आइसलैंड
- लगातार 18वें वर्ष शीर्ष स्थान पर।
- न्यूनतम अपराध दर, असैन्य पुलिस, मजबूत सामाजिक संरचना।
- विश्व में शांति का सर्वोत्तम उदाहरण।
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आयरलैंड
- कभी आंतरिक संघर्षों से जूझ चुका देश अब शांति का मॉडल।
- संतुलित सैन्य नीति, सामाजिक कल्याण और कम असमानता।
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न्यूजीलैंड
- दो स्थान की छलांग।
- सख्त हथियार कानून, माओरी संस्कृति आधारित सामुदायिक भावना।
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ऑस्ट्रिया
- प्रभावी शासन और कम अपराध दर, यद्यपि एक स्थान नीचे।
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स्विट्ज़रलैंड
- स्थायित्व और तटस्थता की मिसाल, न्यूनतम अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप।
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सिंगापुर
- एशिया का एकमात्र देश जो शीर्ष 10 में शामिल।
- सख्त कानून व्यवस्था और अत्यधिक कुशल शासन प्रणाली।
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पुर्तगाल
- गर्मजोशी भरी संस्कृति, कम सैन्यीकरण और अपराध दर।
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डेनमार्क
- उच्च सामाजिक सुरक्षा, समावेशी नीतियाँ और पारदर्शी प्रशासन।
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स्लोवेनिया
- छोटा देश, लेकिन सामाजिक समरसता और स्थायित्व का उदाहरण।
- फिनलैंड
- उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था, समानता और पारदर्शिता आधारित शासन।
भारत की स्थिति: 115वां स्थान
भारत का GPI 2025 में 115वां स्थान चिंता का विषय है। मुख्य चुनौतियाँ:
- क्षेत्रीय विवाद और सीमा विवाद
- शहरी अपराध और सामाजिक तनाव
- मानवाधिकार और आंतरिक संघर्ष
हालाँकि भारत की संस्कृतिक विविधता और लोकतांत्रिक संरचना सराहनीय है, लेकिन आंतरिक शांति और सुरक्षा के स्तर को सुधारने की आवश्यकता बनी हुई है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI): इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा हर वर्ष प्रकाशित रिपोर्ट जो 163 देशों को 23 संकेतकों के आधार पर रैंक करती है।
- मूल्यांकन मापदंड: सामाजिक सुरक्षा, सैन्य व्यय, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संघर्ष, राजनीतिक स्थिरता आदि।
- आइसलैंड: वर्ष 2008 से लगातार प्रथम स्थान पर।
- भारत की स्थिति: क्षेत्रीय तनाव, आंतरिक संघर्ष और सीमित सामाजिक सुरक्षा की वजह से कम स्कोर।
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025 न केवल शांतिपूर्ण देशों की पहचान करता है, बल्कि यह उन क्षेत्रों की भी ओर इशारा करता है जहाँ सुधार की तत्काल आवश्यकता है। भारत जैसे विशाल लोकतंत्र के लिए यह रिपोर्ट आत्मनिरीक्षण और नीति सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकती है।