ग्रेट निकोबार द्वीप पर नई सांप और पक्षी प्रजातियों की खोज

ग्रेट निकोबार द्वीप पर नई सांप और पक्षी प्रजातियों की खोज

भारत के ग्रेट निकोबार द्वीप की जैवविविधता एक बार फिर सुर्खियों में है। वैज्ञानिकों ने यहाँ एक नई सांप प्रजाति Lycodon irwini का वर्णन किया है और साथ ही एक संभावित नई पक्षी प्रजाति “ग्रेट निकोबार क्रेक” (Rallina sp.) का दस्तावेज़ीकरण किया है। 2021 के बाद से द्वीप पर लगभग 40 नई प्रजातियाँ खोजी जा चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र भारत के सबसे समृद्ध और कम खोजे गए पारिस्थितिक परिदृश्यों में से एक बन गया है।

Lycodon irwini: स्टीव इरविन के नाम पर नई प्रजाति

ग्रेट निकोबार के पूर्वी तट से Lycodon irwini नामक नई वुल्फ स्नेक प्रजाति की पहचान की गई है। यह नाम प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई संरक्षणवादी स्टीव इरविन के सम्मान में रखा गया है। इस प्रजाति के अब तक केवल चार रिकॉर्ड ही दर्ज हुए हैं, जो इसकी अत्यंत दुर्लभता को दर्शाते हैं। पांडिचेरी विश्वविद्यालय, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजी और स्वतंत्र प्रकृतिविदों द्वारा किए गए इस अध्ययन को Evolutionary Systematics पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सीमित वितरण क्षेत्र और आवासीय खतरे को देखते हुए इस प्रजाति को IUCN के अनुसार “विलुप्तप्राय” (Endangered) श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

“ग्रेट निकोबार क्रेक”: एक संभावित नई पक्षी प्रजाति

पक्षी प्रेमियों ने Rallina वंश से संबंधित “ग्रेट निकोबार क्रेक” को देखा है, जिसकी अब तक केवल तीन बार तस्वीरें खींची गई हैं। Indian Birds पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि इस पक्षी में ऐसी संरचनात्मक विशेषताएँ पाई गई हैं जो ज्ञात क्रेक प्रजातियों में नहीं मिलतीं। इसके आवास, जनसंख्या आकार और वितरण के बारे में अभी बहुत कम जानकारी है, जिससे आगे विस्तृत शोध की आवश्यकता स्पष्ट होती है।

असाधारण जैवविविधता और उच्च स्थानिकता

ग्रेट निकोबार द्वीप लगभग 650 पौधों और 1,800 से अधिक जीव प्रजातियों का घर है। इनमें से लगभग 24% जीव समूह स्थानिक (endemic) हैं, अर्थात वे केवल इसी क्षेत्र में पाए जाते हैं। 2021 के बाद यहाँ मेंढक, केकड़े, गेको और अनेक कीटों की नई प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इतनी तीव्र गति से नई प्रजातियों की खोज यह दर्शाती है कि यह द्वीप भारत की पारिस्थितिक दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण भूमि है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • Lycodon irwini की खोज 2025 में की गई और अब तक केवल चार नमूने दर्ज हुए हैं।
  • “ग्रेट निकोबार क्रेक” की तस्वीरें पिछले दस वर्षों में मात्र तीन बार ली गई हैं।
  • द्वीप पर लगभग 650 पौधों और 1,800 जीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • लगभग 24% जीव समूह स्थानिक हैं, जो केवल ग्रेट निकोबार में पाए जाते हैं।

संरक्षण की आवश्यकता और तात्कालिक चिंताएँ

ग्रेट निकोबार द्वीप भारत के सबसे सघन और समृद्ध उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों का घर है। निरंतर नई खोजें यह संकेत देती हैं कि विकास परियोजनाओं के दबाव के बीच यहाँ की पारिस्थितिक संपदा गंभीर खतरे में है। वैज्ञानिकों और संरक्षणवादियों का मानना है कि इस अनूठे द्वीप की आनुवंशिक और प्रजातीय विविधता को सुरक्षित रखने के लिए व्यापक संरक्षण नीतियाँ बनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस प्राकृतिक धरोहर को देख सकें।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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