ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर भारत-मालदीव ने समझौते पर हस्ताक्षर किये

ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर भारत-मालदीव ने समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत और मालदीव ने “ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट” (Greater Male Connectivity Project) नामक प्रमुख कनेक्टिविटी पहलों में से एक पर मालदीव के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

मुख्य बिंदु

  • इस समझौते के तहत, भारत मालदीव में ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) नामक अब तक की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू करेगा ।
  • इस परियोजना के लिए भारत 100 मिलियन डॉलर और 40 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान करेगा।
  • यह भारत-मालदीव साझेदारी का एक स्थायी प्रतीक होगा।
  • व्यापार, लोगों और उद्योग को जोड़ने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की जाएगी।
  • GMCP में 6.74 किलोमीटर लंबे पुल और कॉजवे लिंक का निर्माण शामिल होगा।

पृष्ठभूमि

इस परियोजना की योजना सितंबर 2019 में भारत के विदेश मंत्री की माले यात्रा के दौरान बनाई गई थी।

परियोजना का महत्व

GMCP परियोजना पर समझौता साबित करता है कि, भारत मालदीव का एक मजबूत विकास भागीदार है और मालदीव में किसी भी आपात स्थिति के समय में पहला उत्तरदाता भी है। यह न केवल मालदीव में भारत की सबसे बड़ी परियोजना है, बल्कि द्वीपीय राष्ट्र में समग्र रूप से सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है। यह मालदीव की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ चार द्वीपों के बीच संपर्क को एक बड़ा बढ़ावा प्रदान देगी।

सबसे बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना

मालदीव में अब तक की सबसे बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना 1.4 किमी का सिनामाले ब्रिज है, जिसे 2018 में पूरा किया गया था। यह चीनी सहायता के तहत बनाया गया था और माले को हुलहुले और हुलहुमाले से जोड़ता है।

मालदीव में भारत का निवेश

भारत और मालदीव के बीच संपर्क दोनों के बीच प्रमुख भागीदारी पहलू है। साझेदारी को बनाए रखने के लिए, सितंबर 2020 में एक सीधी मालवाहक नौका सेवा शुरू की गई थी जो तूतीकोरिन, कोच्चि, माले और कुल्हफुशी को जोड़ती थी।

Originally written on August 28, 2021 and last modified on August 28, 2021.

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