ग्रीष्मकालीन अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया

ग्रीष्मकालीन अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया

केंद्रीय कृषि मंत्री ने हाल ही में ग्रीष्मकालीन अभियान के लिए कृषि पर चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference on Agriculture for Summer Campaign) को संबोधित किया। इस सम्मेलन को जायद सम्मेलन (Zaid Conference) भी कहा जाता है। इस सम्मेलन गर्मियों की फसलों पर केंद्रित है।

सम्मेलन के बारे में

  • इस सम्मेलन में फसल के प्रदर्शन की समीक्षा की गई। साथ ही फसलवार लक्ष्य भी तय किया। राज्य सरकारों से सलाह मशविरा करने के बाद लक्ष्य तय किए गए।
  • इस सम्मेलन के दौरान कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के बारे में निर्णय लिए गए।
  • यह सम्मेलन मुख्य रूप से दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर केंद्रित था।
  • राज्यों को ग्रीष्मकालीन फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए बेहतर और नई गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करने का सुझाव दिया गया।
  • इस सम्मेलन में किसान संघों और स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। उन्हें उर्वरक उपयोग के अनुमान प्रदान करने के लिए कहा गया। साथ ही, उन्हें DAP उर्वरकों के उपयोग को कम करने और NPK उर्वरकों के उपयोग को कम करने का सुझाव दिया गया।
  • ATMA (Agricultural Technology Management Agency) और कृषि विज्ञान केंद्र को संयुक्त रूप से काम करने और छोटे और सीमांत किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कहा गया है।
  • राज्य सरकारों को जैविक खेती के लिए पूरे क्षेत्र या ब्लॉक को प्रमाणन प्रदान करने के लिए कहा गया है। इस प्रकार किसानों को जैविक खेती प्रमाण पत्र के लिए व्यक्तिगत रूप से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।

सम्मेलन के दौरान की गई घोषणाएं

इस सम्मेलन के दौरान उर्वरक विभाग ने निम्नलिखित घोषणाएं की:

  • यूरिया की कुल उपलब्धता: 255.28 LMT
  • DAP: 81.24 LMT
  • MOP: 18.5 LMT
  • NPKS: 76.87 LMT

सम्मेलन में लिए गए अन्य निर्णय

दलहन और तिलहन को NFSM के उप-घटक लक्षित चावल परती क्षेत्र (Targeted Rice Fallow Area) के माध्यम से बढ़ावा दिया जायेगा। साथ ही, पाम तेल और गन्ने में अंतर-फसल के रूप में बढ़ावा दिया  जायेगा।

सम्मेलन के दौरान निर्धारित लक्ष्य

दलहन का फसल क्षेत्र 21.05 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया था। तिलहन को 13.78 लाख हेक्टेयर भूमि में लाया जायेगा। पोषक-अनाज 17.89 लाख हेक्टेयर भूमि में लगाया जायेगा।

वर्तमान परिदृश्य

चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2020-21 में भारत ने 3086.47 टन खाद्यान्न का उत्पादन किया। उसी वर्ष के दौरान, 257 लाख टन दलहन और 361 लाख टन तिलहन का उत्पादन किया गया था। करीब 353.84 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ। बागवानी क्षेत्र ने कृषि क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन किया था।

Originally written on January 30, 2022 and last modified on January 30, 2022.

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