ग्रीन नेशनल हाइवे कॉरिडोर के लिए केंद्र और विश्व बैंक ने 500 मिलियन डालर की परियोजना पर हस्ताक्षर किये

केंद्र सरकार और विश्व बैंक ने राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में सुरक्षित और हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के निर्माण के लिए 500 मिलियन डालर के एक प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों को मुख्यधारा में लाने में मदद करेगी।

मुख्य बिंदु

हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा परियोजना के तहत 783 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया जायेगा। इस कार्य के लिए स्थानीय और सीमांत सामग्री, बायो-इंजीनियरिंग सोल्यूशंस जैसे सुरक्षित और हरित प्रौद्योगिकी डिजाइनों का उपयोग किया जाएगा। यह परियोजना राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी।

भारत-विश्व बैंक संबंध

विश्व बैंक और भारत के बीच सहयोग की शुरुआत वर्ष 1944 में इंटरनेशनल बैंक ऑफ़ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट की नींव के साथ हुई थी। 44 अन्य देशों के साथ भारत ने जून, 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन का एजेंडा तैयार किया था। भारत को पहला बैंक ऋण नवंबर 1948 में रेलवे पुनर्वास के लिए इंटरनेशनल बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट से प्राप्त हुआ था, इसकी ऋण राशि 34 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी।

विश्व बैंक

विश्व बैंक का मुख्यालय वाशिंगटन डी. सी. में है। इसकी स्थापना जुलाई 1945 को हुई थी। विश्व बैंक ऋण देने वाली एक ऐसी संस्था है जिसका उद्देश्य विभिन्न देशों की अर्थ व्यवस्थाओं को एक व्यापक विश्व अर्थव्यवस्था में शामिल करना और विकासशील देशों में ग़रीबी उन्मूलन के प्रयास करना है। इसके कुल 189 सदस्य देश हैं। इसका आदर्श वाक्य “निर्धनता मुक्त विश्व के लिए कार्य करना” है।

Originally written on December 23, 2020 and last modified on December 23, 2020.

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