ग्रामीण भारत में महिलाओं की ऑनलाइन बैंकिंग में बढ़ती भागीदारी

ग्रामीण भारत की महिलाएं अब तेजी से ऑनलाइन बैंकिंग की ओर बढ़ रही हैं। हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में ग्रामीण महिलाओं में से 30% ने बताया कि वे ऑनलाइन बैंकिंग लेन-देन करने में सक्षम हैं। यह आंकड़ा 2022-23 में केवल 17.1% था। खासतौर से 15 से 24 वर्ष की उम्र की ग्रामीण महिलाओं में यह प्रतिशत दोगुना से भी अधिक बढ़कर 51.4% हो गया है।
युवा महिलाओं में बढ़ती डिजिटल भागीदारी
15-24 वर्ष की आयु वर्ग की ग्रामीण महिलाओं में डिजिटल जागरूकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वे स्मार्टफोन और इंटरनेट का बेहतर उपयोग कर रही हैं, जिससे UPI और अन्य डिजिटल माध्यमों से बैंकिंग सुविधाओं तक उनकी पहुँच आसान हुई है। इस आयु वर्ग की महिलाओं में डिजिटल बैंकिंग अपनाने का उत्साह इस बदलाव का स्पष्ट प्रमाण है।
UPI बना ग्रामीण बैंकिंग का मुख्य जरिया
ग्रामीण इलाकों में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सबसे अधिक लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। अब अधिकांश महिलाएं सीधे अपने मोबाइल फोन से लेन-देन करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन बैंकिंग करने वालों में लगभग 87% महिलाएं केवल UPI का उपयोग करती हैं, जो इसकी सरलता और पहुंच को दर्शाता है।
मोबाइल और इंटरनेट की बढ़ती पहुँच
मोबाइल फोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने महिलाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्टफोन रखने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे वे न केवल बैंकिंग बल्कि अन्य डिजिटल सेवाओं तक भी पहुंच बना रही हैं। युवतियों में मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग अब लगभग दैनिक आदत बन चुका है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- 2025 की शुरुआत में ग्रामीण महिलाओं में ऑनलाइन बैंकिंग की समझ 30% तक पहुंच गई।
- 15-24 वर्ष की ग्रामीण महिलाएं सबसे अधिक डिजिटल बैंकिंग अपनाने वालों में हैं।
- ग्रामीण पुरुषों में 15-24 वर्ष आयु वर्ग में यह प्रतिशत 73.3% तक पहुंच गया।
- मोबाइल फोन का उपयोग 85% से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है।
- ग्रामीण इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में अधिकांश प्रतिदिन कम से कम एक बार ऑनलाइन होते हैं।
ग्रामीण महिलाओं में ऑनलाइन बैंकिंग की यह प्रगति केवल तकनीकी उपलब्धता का परिणाम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत भी है। सरकार और समाज को चाहिए कि इस रुझान को समर्थन देते हुए डिजिटल शिक्षा और संसाधनों को और अधिक सुलभ बनाया जाए, ताकि यह परिवर्तन और गहराई तक पहुंचे।