गोवा बना देश का दूसरा पूर्ण साक्षर राज्य: उल्लास कार्यक्रम की ऐतिहासिक सफलता

गोवा ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए स्वयं को ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने 30 मई 2025 को गोवा के 39वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर यह घोषणा की, जो डिनानाथ मंगेशकर कला मंदिर, पणजी में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान की गई। यह उपलब्धि भारत के 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसकी परिकल्पना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में की गई है।
उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की भूमिका
‘ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ (New India Literacy Programme) केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित एक योजना है, जो 2022 से 2027 तक लागू की गई है। इसका उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को शिक्षा देना है जो स्कूल नहीं जा सके। इस योजना के अंतर्गत पाँच प्रमुख घटक हैं:
- आधारभूत साक्षरता और गणना कौशल
- जीवनोपयोगी महत्वपूर्ण कौशल
- मूलभूत शिक्षा
- व्यावसायिक कौशल
- सतत शिक्षा
इस कार्यक्रम के तहत अब तक पूरे देश में 1.77 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमरेसी टेस्ट (FLNAT) में शामिल हो चुके हैं और 2.40 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी तथा 41 लाख स्वयंसेवी शिक्षक ULLAS मोबाइल ऐप पर पंजीकृत हो चुके हैं।
गोवा का मॉडल: एक समन्वित प्रयास
गोवा सरकार ने इस उपलब्धि को पाने के लिए ‘Whole-of-Government’ अप्रोच अपनाई। विभिन्न विभागों जैसे पंचायती राज निदेशालय, नगर प्रशासन निदेशालय, समाज कल्याण विभाग, योजना एवं सांख्यिकी विभाग, तथा महिला एवं बाल विकास निदेशालय ने मिलकर उन व्यक्तियों की पहचान की जो अब तक निरक्षर थे।
‘स्वयंपूर्ण मित्रों’ ने जागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को साक्षरता प्रमाणपत्र दिलवाने और उन्हें अध्ययन मॉड्यूल में जोड़ने में मदद की। वहीं, फील्ड वर्करों की भूमिका भी अत्यंत सराहनीय रही।
राज्य के शिक्षा विभाग, विशेषकर SCERT, स्थानीय प्रशासन, स्कूल प्रधानाचार्य एवं स्वयंसेवकों के प्रयासों को व्यापक सराहना मिली है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ULLAS योजना: यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एक वयस्क साक्षरता कार्यक्रम है।
- FLNAT: आधारभूत साक्षरता और गणना कौशल का मूल्यांकन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा।
- राष्ट्रीय साक्षरता लक्ष्य: भारत का लक्ष्य 2030 तक सभी नागरिकों को साक्षर बनाना है।
- जन-जन साक्षर: इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को शिक्षा से जोड़ना है।
- Goa की PLFS 2023-24 के अनुसार साक्षरता दर: 93.60%, जबकि राज्य सरकार के अनुसार अब 95% से ऊपर।
गोवा का यह कदम भारत को ‘विकसित भारत’ (Viksit Bharat) की दिशा में और अधिक मजबूती से आगे बढ़ाता है। यह न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी एक प्रेरणादायक उपलब्धि है। गोवा ने यह दिखा दिया कि जब सरकार, प्रशासन और नागरिक एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। अब यह जिम्मेदारी अन्य राज्यों की है कि वे भी इस प्रेरणा से सीखें और पूर्ण साक्षरता की दिशा में अपने कदम तेज करें।