गोवा क्लब अग्निकांड: लुथरा भाइयों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी

गोवा क्लब अग्निकांड: लुथरा भाइयों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी

गोवा के एक प्रसिद्ध नाइट क्लब में लगी भीषण आग, जिसमें 25 लोगों की जान गई, ने देशभर में सनसनी फैला दी। इस हादसे के बाद क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लुथरा देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए। भारतीय एजेंसियों ने अब इनकी जानकारी जुटाने और इनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंटरपोल से ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करवाया है। यह नोटिस अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग का अहम उपकरण है, जो सीमापार संदिग्धों की जानकारी एकत्र करने में मदद करता है।

ब्लू नोटिस क्या होता है और इसका उद्देश्य

ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी किया जाने वाला एक सूचना-संग्रह नोटिस है, जिसका मकसद किसी व्यक्ति की पहचान, लोकेशन या गतिविधियों से जुड़ी जानकारी एकत्र करना होता है। यह नोटिस गिरफ्तारी वारंट नहीं होता, लेकिन सदस्य देशों की पुलिस एजेंसियों को यह जानकारी देता है कि एक संदिग्ध या आरोपी देश की सीमा से बाहर है और उसे ट्रैक करने की आवश्यकता है।

लुथरा भाइयों के मामले में यह नोटिस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों आरोपी भारत से निकलकर थाईलैंड पहुंच गए हैं। अब इस नोटिस के माध्यम से भारतीय एजेंसियां थाई और अन्य देशों की पुलिस से उनकी गतिविधियों की जानकारी हासिल कर सकती हैं।

भारतीय जांच एजेंसियों को कैसे मिल रही मदद

ब्लू नोटिस जारी होने के बाद अब भारतीय एजेंसियां इंटरपोल के जरिए थाईलैंड और अन्य संभावित देशों से लुथरा भाइयों की यात्रा जानकारी, होटल बुकिंग, सीमा पार करने के विवरण, और अन्य रिकॉर्ड प्राप्त कर सकती हैं। इससे उनकी सटीक लोकेशन का पता लगाने और संभावित कानूनी कार्रवाई को अंजाम देने में मदद मिल रही है।

दोनों भाइयों ने दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई है, लेकिन भारत से बाहर रहने के चलते एजेंसियों के पास सीधा विकल्प नहीं था, इसलिए इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सूचना-साझा प्रक्रिया शुरू की गई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • इंटरपोल द्वारा आठ प्रकार के नोटिस जारी किए जाते हैं, जिनमें रेड, ब्लू, येलो, ब्लैक, ग्रीन, ऑरेंज, पर्पल और यूएन स्पेशल नोटिस शामिल हैं।
  • ब्लू कॉर्नर नोटिस का उपयोग किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • यह नोटिस गिरफ्तारी के लिए अधिकृत नहीं होता; गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल का रेड नोटिस जारी किया जाता है।
  • इंटरपोल में 190 से अधिक देश सदस्य हैं, जो इस तरह के नोटिस के आधार पर सूचना साझा करने और सहयोग करने के लिए बाध्य होते हैं।

इस घटना ने न केवल सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं बल्कि आपराधिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अहमियत को भी उजागर किया है। इंटरपोल का यह कदम लुथरा भाइयों को न्याय के कटघरे में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

Originally written on December 11, 2025 and last modified on December 11, 2025.

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