गोवा की अर्थव्यवस्था

गोवा की महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों में से एक कृषि है। चावल प्रमुख कृषि फसल है। अन्य महत्वपूर्ण फसलें धान, रागी, मक्का, ज्वार, बाजरा और दालें हैं। यहाँ उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण नकदी फसलें हैं नारियल, काजू, सुपारी, आम, कटहल, केला, अनानास इत्यादि। मानसून की फ़सलों को खरीफ़ या सरदो की फ़सल कहा जाता है और सर्दियों की फ़सलों को रबी या विंगन फ़सल कहा जाता है। सर्दियों की फसलों के लिए सिंचाई के मुख्य स्रोत नाले, नदी और नाले, टैंक, कुएं, नहर आदि हैं। यहाँ गन्ने की खेती भी की जाती है। गोवा में एक चीनी कारखाना स्थापित किया गया है। गोवा में काजू एक महत्वपूर्ण फसल है। फेनी नामक एक प्राणपोषक पेय काजू से निर्मित होता है। यहां तरह-तरह के आम उगाए जाते हैं। यहाँ पैदा होने वाली आम की कुछ किस्में हैं, मैनकुरेड, मुसराडे, फ़र्नान्डिन, ज़ेवियर, अल्फोंसा, कोलाको आदि। कटहल की दो किस्में यहाँ पर उगायी जाती हैं, जिनके नाम कपो और रसाल हैं। यहाँ उगाई जाने वाली सब्जियाँ बैंगन, भिंडी, शकरकंद, मिर्च, प्याज, मूली, खीरा, कद्दू, ड्रमस्टिक, ब्रेडफ्रूट और विभिन्न प्रकार की लौकी हैं।

पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। मवेशी का चारा, दूध और दूध से बने पदार्थ, मांस आदि का बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है। पोंडा लटुका में करी में एक सूअर का खेत है जो प्रजनन के लिए गुणात्मक सूअर का उत्पादन करता है। गोवा में मत्स्य पालन एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। गोवा झींगे, मैकेरल और सार्डिन जैसी मछलियों की किस्मों से भरा हुआ है। गोवा में खनन एक महत्वपूर्ण उद्योग है। लौह अयस्क, मैंगनीज अयस्क, फेरो-मैंगनीज अयस्क जैसे खनिज संसाधन हैं। कीटनाशक, उर्वरक, टायर, ट्यूब, लौह अयस्क छर्रों, पैर पहनने, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, चीनी, गेहूं के उत्पाद, स्टील रोलिंग, फल और मछली डिब्बाबंदी, काजू, कपड़ा, लकड़ी के शिल्प, पीतल, मिट्टी के बर्तन, हथकरघा, चमड़ा और बांस शिल्प आदि अन्य उद्योग है।

Originally written on March 20, 2020 and last modified on March 20, 2020.

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