गोवा और मध्यप्रदेश मिलकर बढ़ाएंगे पर्यटन: सांस्कृतिक और वन्य अनुभवों पर जोर
गोवा और मध्यप्रदेश ने संयुक्त रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य दोनों राज्यों की सांस्कृतिक विरासत, वन्य जीवन और पारंपरिक अनुभवों को सामने लाना है। इस पहल का लक्ष्य न केवल गोवा की समुद्र-तट छवि से आगे जाना है, बल्कि देश में पर्यटन विविधता को भी नया आयाम देना है।
रणनीति और मुख्य उद्देश्य
इस साझेदारी के तहत दोनों राज्य साझा थीम आधारित पर्यटन मार्ग तैयार करेंगे, जिनमें गोवा के चर्च, किले, गांवों की सैर और उत्सवों को मध्यप्रदेश की यूनेस्को धरोहर स्थलों, बाघ अभयारण्यों और जनजातीय संस्कृति से जोड़ा जाएगा। दोनों राज्य मार्केटिंग कैलेंडर को समन्वित करेंगे, गंतव्य प्रबंधन, डिजिटल प्रचार और पर्यटक सेवा के क्षेत्र में सर्वोत्तम अभ्यास साझा करेंगे।
गोवा पर्यटन निदेशक केदार नाइक, गोवा टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (GTDC) के गेविन डायस, और ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन ऑफ गोवा (TTAG) के अध्यक्ष जैक सुखीजा की टीम ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव (संस्कृति, पर्यटन व जनसंपर्क) शैव शेखर शुक्ला, आईएएस से भेंट की। पर्यटन मंत्री रोहन ए. खौंटे ने कहा कि यह सहयोग यात्रा को एक कथानक आधारित अनुभव बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
दो-तरफा पर्यटन और उत्पाद विकास
दोनों राज्यों की कार्यकारी समितियां मिलकर ऐसे मार्ग तैयार करेंगी जो तटीय संस्कृति को हृदयस्थल की विरासत और वन्य जीवन से जोड़ें। कुछ प्रस्तावित मार्गों में शामिल हैं:
- “बीच से ब्रैडशॉ तक” – गोवा के लैटिन क्वार्टर को ग्वालियर और मांडू के विरासत स्थलों से जोड़ना।
- “मंदिर, जनजाति और बाघ” – दक्षिण गोवा के गांवों से कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व तक की यात्रा।
- मानसून बर्डिंग – गोवा के वेटलैंड्स और मध्यप्रदेश के सतपुड़ा परिदृश्यों को मिलाकर।
- उत्सवों का आदान-प्रदान – ताकि वर्षभर मांग बनी रहे और पर्यटकों के प्रवास की अवधि बढ़े।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- • भागीदार राज्य: गोवा और मध्यप्रदेश; ध्यान – विरासत, वन्यजीवन और संस्कृति पर।
- • प्रमुख अधिकारी: केदार नाइक (गोवा), शैव शेखर शुक्ला, IAS (मध्यप्रदेश)।
- • आगामी कदम: दोनों राज्यों के बीच पारस्परिक प्रतिनिधिमंडल यात्राएं।
- • उद्देश्य: दो-तरफा पर्यटन, साझा विपणन, और घरेलू पर्यटन सर्किट का विकास।
स्थिरता, कौशल और सामुदायिक लाभ
यह पहल जिम्मेदार पर्यटन पर आधारित होगी जिसमें पर्यावरणीय वहन क्षमता, होमस्टे मानक, कचरा और जल प्रबंधन प्रोटोकॉल, और स्थानीय निकायों के साथ मिलकर धरोहर संरक्षण शामिल होगा।
प्रशिक्षण सत्रों में गाइड्स और ऑपरेटरों को कहानी-केंद्रित पर्यटन, सुलभ पर्यटन और डिजिटल बुकिंग पर प्रशिक्षित किया जाएगा। समुदाय आधारित उद्यमों, शिल्पकारों और कृषि-पर्यटन इकाइयों के साथ राजस्व साझेदारी मॉडल प्रस्तावित किए गए हैं ताकि पर्यटन का लाभ स्थानीय स्तर तक पहुंचे। साथ ही, एकीकृत कैलेंडर और सह-ब्रांडिंग अभियानों के माध्यम से परिवारों, संस्कृति प्रेमियों और वन्यजीव पर्यटकों को वर्षभर आकर्षित किया जाएगा।