गोरखपुर में क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन: उत्तर प्रदेश में जांच व्यवस्था को नई दिशा

गोरखपुर में क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन: उत्तर प्रदेश में जांच व्यवस्था को नई दिशा

उत्तर प्रदेश ने अपराध जांच प्रणाली को और अधिक वैज्ञानिक और तेज़ बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में अपग्रेडेड रीजनल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (RFSL) का उद्घाटन किया, जो राज्य के फॉरेंसिक नेटवर्क को मजबूत करने की व्यापक योजना का हिस्सा है। इस पहल का उद्देश्य सभी प्रशासनिक मंडलों में अत्याधुनिक फॉरेंसिक सुविधाएं विकसित करना है, ताकि जांच की सटीकता और गति में सुधार हो सके।

गोरखपुर में आधुनिक सुविधाओं की शुरुआत

नवीन रूप से सुसज्जित इस प्रयोगशाला में अत्याधुनिक डीएनए विश्लेषण इकाई, एआई-सक्षम उपकरण, ड्रोन तकनीक और रोबोटिक्स सिस्टम शामिल किए गए हैं। इन तकनीकों के माध्यम से साक्ष्यों के परीक्षण की प्रक्रिया तेज़ होगी और अपराध मामलों में वैज्ञानिक साक्ष्यों की गुणवत्ता बेहतर होगी। राज्य सरकार की योजना है कि ऐसी सुविधाएं हर मंडल स्तर पर स्थापित की जाएं, जिससे पूरे प्रदेश में जांच मानकों की एकरूपता सुनिश्चित हो सके।

राज्यव्यापी फॉरेंसिक क्षमता का विस्तार

सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में मोबाइल फॉरेंसिक वैन तैनात की हैं। ये वैन अपराध स्थल से तुरंत नमूने एकत्र करने और जांच प्रयोगशालाओं तक पहुंचाने में सक्षम होंगी। इससे साक्ष्य एकत्रीकरण और विश्लेषण में देरी नहीं होगी, जिससे अपराध जांच में विश्वसनीयता और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी। नए सिस्टम का लक्ष्य है कि जांच संबंधी रिपोर्टें घंटों के भीतर उपलब्ध हों, ताकि न्याय में अनावश्यक विलंब न हो।

अपराध नियंत्रण और न्याय वितरण पर असर

नई प्रयोगशालाएं हत्या, हिंसक अपराधों, साइबर अपराधों और आतंकवाद से जुड़ी जांचों में निर्णायक भूमिका निभाएंगी। उन्नत पहचान तकनीकों और सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं के माध्यम से पुलिस और न्यायिक तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इससे न केवल दोषसिद्धि दर में सुधार की उम्मीद है, बल्कि गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में दो मोबाइल फॉरेंसिक वैन आवंटित की गई हैं।
  • राज्य फॉरेंसिक संस्थान लखनऊ में स्थित है।
  • नई प्रयोगशालाओं में डीएनए लैब, एआई टूल, ड्रोन यूनिट और रोबोटिक्स सिस्टम शामिल हैं।
  • सरकार की योजना हर मंडल मुख्यालय पर आधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित करने की है।

प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास

लखनऊ स्थित राज्य फॉरेंसिक संस्थान इन क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को तकनीकी और मानव संसाधन सहयोग प्रदान करेगा। संस्थान में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य प्रशिक्षित फॉरेंसिक विशेषज्ञ तैयार करना है। इस पहल से राज्य की न्याय व्यवस्था में दक्षता बढ़ेगी और अपराध जांच प्रणाली और भी सशक्त बनेगी।

Originally written on November 19, 2025 and last modified on November 19, 2025.

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