गुल-ए-दाग़ूद: श्रीनगर में खिला शरद ऋतु का नया फूल उत्सव

गुल-ए-दाग़ूद: श्रीनगर में खिला शरद ऋतु का नया फूल उत्सव

कश्मीर घाटी की सुंदरता अब केवल वसंत के ट्यूलिप फूलों तक सीमित नहीं रही। शरद ऋतु में भी अब पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक नया और रंगीन स्थल सामने आया है — बाग़-ए-गुल-ए-दाग़ूद, जिसे क्राइसेंथेमम गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। यह बग़ीचा न केवल घाटी के पुष्प पर्यटन को विस्तार देगा, बल्कि शरद ऋतु के दौरान घाटी की सुषुप्तता को भी जीवंत कर देगा।

ज़बरवान की गोद में खिला नया थीम पार्क

ज़बरवान वन श्रृंखला की तलहटी में स्थित यह भव्य पुष्प उद्यान पाँच हेक्टेयर में फैला है और इसमें 50 से अधिक प्रकार की सुंदर क्राइसेंथेमम (गुल-ए-दाग़ूद) प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी। इस मौसम में लगभग 30 लाख फूलों के खिलने की उम्मीद है। इसे जम्मू-कश्मीर के बागवानी, उद्यान और पार्क विभाग द्वारा विकसित किया गया है।
इसका उद्घाटन 25 अक्टूबर, 2025 को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा किया गया। QR कोड्स द्वारा पेड़ों की जानकारी देने की पहल इसे एक आधुनिक और जानकारीपूर्ण अनुभव भी बनाती है।

ट्यूलिप गार्डन के बाद दूसरा बड़ा पुष्प उद्यान

कश्मीर में यह दूसरा प्रमुख पुष्प थीम पार्क है। पहला — ट्यूलिप गार्डन — 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद द्वारा स्थापित किया गया था, जिसे इस वर्ष मार्च-अप्रैल में रिकॉर्ड 8.55 लाख पर्यटकों ने देखा।
गुल-ए-दाग़ूद गार्डन को शरद ऋतु में, जब पारंपरिक फूल मुरझा जाते हैं, उस समय रंगीन आकर्षण के रूप में तैयार किया गया है। इससे अक्टूबर-नवंबर में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जो पारंपरिक रूप से घाटी के लिए एक मंद पर्यटन काल रहा है।

शरद ऋतु का नया रंग

इस बग़ीचे में दिखने वाले कुछ प्रमुख फूलों में माउंट ऑबिस्क एप्रिकॉट, माउंट ऑबिस्क सैल्मन, अर्टिस्टिक डार्क पिंक, माउंट प्लेज़ेंट, अनांसी पिंक, नोवा येलो, फ्लावियो, मांगा रेड, सीज़र, इब्रा व्हाइट और अर्टिस्टिक आर्मिन शामिल हैं। ये फूल 10 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड और पहली बर्फबारी को सहन करने की क्षमता रखते हैं, जिससे इनकी जीवन अवधि लंबी रहती है।
इन फूलों ने कश्मीरी शिल्प, विशेष रूप से पेपर माशे कला को भी प्रेरित किया है, और अब ये घाटी की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन रहे हैं। पहले एक औषधीय पौधा और हर्बल चाय में प्रयुक्त, क्राइसेंथेमम अब कश्मीर की शरद ऋतु की “फ्लेवर” बनने की ओर अग्रसर है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • क्राइसेंथेमम फूल मूलतः चीन से भारत लाया गया और कश्मीर में सैकड़ों वर्ष पूर्व इसकी खेती शुरू हुई।
  • गुल-ए-दाग़ूद गार्डन कश्मीर का दूसरा प्रमुख पुष्प थीम पार्क है — पहला ट्यूलिप गार्डन 2007 में खुला था।
  • QR कोड तकनीक के प्रयोग से यह गार्डन डिजिटल जानकारी देने वाला घाटी का पहला पुष्प उद्यान बन गया है।
  • ट्यूलिप बनाम गुल-ए-दाग़ूद: जहाँ ट्यूलिप गार्डन वसंत में खिलता है, वहीं गुल-ए-दाग़ूद का रंगीन नजारा अक्टूबर से नवंबर तक बना रहता है।

गुल-ए-दाग़ूद गार्डन न केवल पर्यटकों के लिए एक नया अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यह कश्मीर की पारंपरिक ऋतुओं की सुंदरता को भी नए सिरे से परिभाषित करता है

Originally written on October 25, 2025 and last modified on October 25, 2025.

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