गुरुग्राम में INS अरावली का शुभारंभ: समुद्री रणनीति में भारत की नई तकनीकी छलांग

भारतीय नौसेना की सूचना युद्ध क्षमता और समुद्री क्षेत्र जागरूकता (Maritime Domain Awareness) को एक नई दिशा देते हुए, INS अरावली नामक नवीनतम तटीय आधार को गुरुग्राम में आधिकारिक रूप से कमीशन किया गया है। यह अत्याधुनिक आधार नौसेना के सूचना और संचार नेटवर्क को सुदृढ़ बनाएगा और भारत की समुद्री रणनीति को सशक्त करेगा।
तकनीक और सहयोग का केंद्र बना INS अरावली
समारोह के दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने INS अरावली को “तकनीक और सहयोग का केंद्र” बताते हुए कहा कि यह आधार भारतीय नौसेना के प्लेटफॉर्म्स और वैश्विक साझेदारों को ‘समुद्रों के पार’ जोड़ने का कार्य करेगा। यह महज एक आधारभूत संरचना नहीं, बल्कि संचालनिक उत्कृष्टता, लचीलापन और वास्तविक समय में समुद्री जागरूकता का वाहक है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में स्थित यह आधार नौसेना के कमांड और नियंत्रण नेटवर्क का एक अहम नोड बनकर उभरेगा। इससे नौसेना के सूचना और संचार केंद्रों को समर्थन मिलेगा और देश की समुद्री सीमाओं की निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।
समारोह की गरिमा और प्रतीकात्मकता
कमीशनिंग समारोह में नौसेना प्रमुख को 50 जवानों की टुकड़ी द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। बेस के पहले कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने संस्कृत में उद्घोषणा की और कमीशनिंग वारंट का वाचन किया। आधार के उद्घाटन पट्ट का अनावरण नौसेना प्रमुख की पत्नी एवं नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (NWWA) की अध्यक्ष शशि त्रिपाठी द्वारा किया गया। इसके पश्चात नौसेना ध्वज फहराया गया और राष्ट्रगान के साथ कमीशनिंग पेनेंट फहराया गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- INS अरावली का नाम अरावली पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है, जो भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन और सुदृढ़ पर्वत श्रृंखला है।
- बेस का प्रतीक चिह्न पर्वत और उगते सूर्य को दर्शाता है — जो शक्ति और तकनीकी जागरण के प्रतीक हैं।
- INS अरावली का आदर्श वाक्य है: “सहयोग से समुद्री सुरक्षा” (Maritime Security through Collaboration)।
- यह आधार भारत के MAHASAGAR दृष्टिकोण (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) के तहत स्थापित किया गया है।